Rice Export Ban From India 2022: भारत ने हाल ही में चावल के निर्यात पर प्रतिबंध (Rice Export Ban) लगाया है. अब इस फैसले का असर दुनिया भर में देखने को मिल रहा है. चावल के निर्यात पर प्रतिबंध से दुनिया भर में इसके दाम बढ़ गए है. पिछले 10 सालों से चावल के दाम लगभग स्थिर थे. लेकिन भारत के प्रतिबंध का असर बताया जा रहा है.
चावल कारोबारियों का कहना है कि दुनियाभर में चावल का वैश्विक उत्पादन गिरा है और मांग बढ़ी है. भारत ने दुनिया में चावल के सबसे बड़े निर्यातक टूटे चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है और गैर-बासमती चावल पर 20 फीसदी का एक्सपोर्ट टैक्स लगा दिया है. इसके चलते चावल की वैश्विक कीमतों में 10 फीसदी से अधिक का उछाल देखा गया हैं.
क्या हुआ असर
पिछले महीने फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन का ग्लोबल प्राइस इंडेक्स 2.2 फीसदी बढ़ा है. यह 18 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया है. चावल कारोबारियों की माने तो वैश्विक मार्केट में चावल की कीमतें अभी और ऊपर जा सकती है. वहीं दूसरी तरफ थाइलैंड और वियतनाम जैसे चावल के बड़े निर्यातक देशों में चावल का इतना स्टॉक नहीं है जो भारत के निर्यात पर प्रतिबंध के चलते कमी की भरपाई कर सके.
2023 में स्टॉक कम होने का अनुमान
चावल का वैश्विक स्टॉक फिसलकर 2023 में 5 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच सकता है. अमेरिकी कृषि विभाग के 2022/23 में चावल की वैश्विक पैदावार 50.8 करोड़ टन हो सकती है, जो कि 4 साल में सबसे कम है. वहीं दूसरी भारत की बात करें तो सितंबर में कृषि मंत्रालय मे इस सत्र में 10.5 करोड़ टन चावल की पैदावार का अनुमान लगाया था जो पिछले साल की तुलना में 6 फीसदी कम है.
इन देशों पर होगा असर
मालूम हो कि देश में बारिश के चलते धान की खेती काफी प्रभावित हुई है. इसके चलते सितंबर में सरकार को चावल के निर्यात पर रोक लगानी पड़ी है. वहीं पाकिस्तान में बाढ़ के चलते धान की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई. बांग्लादेश और फिलीपींस देश चावल के अहम खरीदार है, जहा चावल की खपत बढ़ गई है. जिसके कारण अनुमान है कि चावल के उत्पादन के मुकाबले इस बार मांग ज्यादा रहेगी. जिससे इसके दाम में तेजी आएगी.
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