PMI Index in April: भारत के विनिर्माण क्षेत्र (India's manufacturing) की गतिविधियों में अप्रैल में तेज इजाफा देखने को मिला है. एक मासिक सर्वेक्षण में इस बारे में जानकारी दी गई है. प्रोडक्शन में बढ़ोतरी के साथ ही कारखानों को मिलने वाले ऑर्डर में आई तेजी और इंटरनेशनल लेवल पर बिक्री में आई तेजी की वजह से ऐसा हुआ है. मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया (S&P Global India) विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI) अप्रैल में बढ़कर 54.7 हो गया, जो मार्च में मार्च में 54.0 था.
स्थितियों में आया सुधार
आपको बता दें कोविड-19 महामारी के चलते लागू प्रतिबंध खत्म होने के बाद मांग बढ़ी है. पीएमआई आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में लगातार 10वें महीने समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार देखने को मिला है. पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतबल होता है कि गतिविधियों में विस्तार हो रहा है, जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन को दर्शाता है.
रोजगार में भी हुआ इजाफा
एसएंडपी ग्लोबल में अर्थशास्त्र की संयुक्त निदेशक पोलियाना डी लीमा ने कहा कि भारतीय विनिर्माण पीएमआई अप्रैल में सकारात्मक बना रहा और वह मार्च में खोई हुई जमीन को दोबारा हासिल कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि कीमतों के दबाव से मांग कम हो सकती है, क्योंकि कंपनियां अपने ग्राहकों के साथ अतिरिक्त लागत बोझ साझा करना जारी रखेंगी. सर्वेक्षण में कहा गया कि अप्रैल के दौरान रोजगार में मामूली वृद्धि हुई है.
जानें मार्च में कैसा रहा था हाल?
आपको बता दें मार्च के महीने में विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI) मार्च में 54.0 पर आ गया. मार्च के आंकड़े उत्पादन और बिक्री में सितंबर 2021 के बाद से सबसे कमजोर ग्रोथ को दर्शाते हैं. वित्त वर्ष 2021-22 के अंत में भारत में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि कमजोर हुई है और कंपनियों ने नए ऑर्डर तथा उत्पादन में नरमी की बात कही है. इस दौरान रासायन, ऊर्जा, कपड़ा, खाद्य पदार्थ और धातु जैसे क्षेत्रों में कच्चे माल की लागत बढ़ी.
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