(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Manufacturing Sector Growth: मई में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार रही स्थिर, 54.6 रहा PMI Index
PMI Index in May 2022: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (Manufacturing Sector) की ग्रोथ मई में स्थिर रही है. एसएंडपी ने रिपोर्ट जारी कर इस बारे में बताया है.
India's Manufacturing Sector Growth: भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (Manufacturing Sector) की ग्रोथ मई में स्थिर रही है. नए ऑर्डर और प्रोडक्शन में ग्रोथ (PMI Index) की दर पिछले महीने जैसी बनी रही जबकि बिक्री कीमतों में उछाल के बावजूद मांग में फ्लैक्सिविलटी के संकेत देखने को मिले हैं. एसएंडपी ने रिपोर्ट (S&P Report) जारी कर इस बारे में जानकारी दी है.
कितना रहा PMI?
एसएंडपी की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, मई में विनिर्माण क्षेत्र का खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI) 54.6 रहा जो अप्रैल में 54.7 पर था. यह विनिर्माण क्षेत्र में पुनरुद्धार गतिविधियों के काफी हद तक स्थिर रहने का संकेत है.
50 के ऊपर पीएमआई दिखाता है विस्तार
मई के पीएमआई आंकड़े लगातार 11वें महीने में ऑपरेटिंग स्थितियों में सुधार का जिक्र करते हैं. पीएमआई 50 से ऊपर होने का मतलब विस्तार होता है, जबकि 50 से नीचे का स्कोर संकुचन को दर्शाता है.
जानें क्या है एक्सपर्ट की राय?
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में एसोसिएट डाइरेक्टर पोलियाना डी लीमा ने कहा, "भारत के विनिर्माण क्षेत्र ने मई में मजबूत विकास गति को बनाए रखा. इंटरनेशनल बिक्री में सबसे तेज वृद्धि के लिए धन्यवाद, कुल नए ऑर्डर में भी बढ़ोतरी हुई. मांग में लचीलापन को देखते हुए अपने स्टॉक को नए सिरे से तैयार करने की कोशिशें जारी रखीं और अतिरिक्त लोगों को काम पर भी रखा."
अप्रैल 2011 के बाद हुआ सबसे तेज विस्तार
इस रिपोर्ट के मुताबिक, नया कारोबारी बढ़त के बीच विनिर्माताओं ने मई में अपना उत्पादन बढ़ाने की कोशिशें जारी रखीं. मांग में सुधार और कोविड-19 से संबंधित पाबंदियां हटने से भी इसे बल मिला. सर्वेक्षण रिपोर्ट कहती है कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर काफी हद तक अप्रैल के अनुरूप ही थी. नए निर्यात ऑर्डर मिलने की दर भी मई में बढ़ी है. यह अप्रैल 2011 के बाद का सबसे तीव्र और सबसे तेज विस्तार है.
मई में बढ़ी नौकरियां
बिक्री में जारी सुधार के कारण मई में विनिर्माण क्षेत्र की नौकरियां भी बढ़ीं. मामूली वृद्धि होने के बावजूद विनिर्माण क्षेत्र की रोजगार वृद्धि दर जनवरी 2020 के बाद सबसे मजबूत हो गई है. कीमतों के मोर्चे पर मई लगातार 22वां महीना रहा जब उत्पादन की लागत बढ़ी है. कंपनियों ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, बिजली, खाद्य पदार्थों, धातुओं और वस्त्रों के लिए उच्च कीमतें दर्ज की. सर्वेक्षण के मुताबिक, मई में मुद्रास्फीति की चिंताओं से कारोबारी धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ा और कारोबारी विश्वास का समग्र स्तर दो साल में नीचे से दूसरे स्थान पर रहा.
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