India's retail inflation drops: सितंबर महीने में महंगाई दर (CPI) से आम जनता को काफी राहत मिली है. इस महीने खुदरा महंगाई दर (retail inflation) में गिरावट देखने को मिली है. खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर महीने में घटकर 4.35 फीसदी पर आ गई है. सरकार की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में नरमी की वजह से भारत की खुदरा मुद्रास्फीति (Consumer Price Index) सितंबर में घटकर पांच महीने के निचले स्तर 4.35 फीसदी पर आ गई. वहीं, अगस्त महीने में यह दर 5.3 फीसदी थी.
पिछले साल 7.27 फीसदी थी ये दर
पिछले साल 2020 में सितंबर महीने में यह दर 7.27 फीसदी पर थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर इस साल सितंबर में नरम होकर 0.68 फीसदी रही है. नेशनल स्टैटिकल ऑफिस (NSO) की तरफ ने 12 अक्टूबर को सितंबर के लिए खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए हैं.
खाने-पीने की कीमतों में आई कमी
बता दें इस महीने खाने-पीने के सामान के दाम में कमी आने से खुदरा महंगाई दर में भी कमी देखने को मिली है. कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स (CFPI) सितंबर में 0.68 फीसदी था जो सितंबर में घटकर 3.11 फीसदी पर आ गया है.
आरबीआई का फोकस महंगाई कम करने पर
आपको बता दें इस साल आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी में सरकार का फोकस महंगाई कम करने पर था. इसी वजह से रेपो रेट में किसी भी तरह का इजाफा नहीं किया गया था. बता दें सरकार ने केंद्रीय बैंक को 2 फीसदी घट-बढ़ के साथ खुदरा मुद्रास्फीति को 4 फीसदी पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी दी हुई है.
किस तिमाही में कितना है अनुमान
आरबीआई ने 2021-22 के लिये सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति 5.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में संतुलित जोखिम के साथ इसके 5.1 फीसदी और तीसरी तिमाही में 4.5 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी रहने का अनुमान रखा है.
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