विनिर्माण क्षेत्र के बाद सर्विस सेक्टर ने भी निराश करने वाली खबर दी है. पिछले महीने के दौरान देश की अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा योगदान देने वाले सेक्टर में गतिविधियों में नरमी देखने को मिली. ताजे आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर महीने में भारत के सेवा क्षेत्र की ग्रोथ रेट में गिरावट आई और रफ्तार 7 महीने में सबसे कम रह गई.


इतना कम हुआ सर्विस पीएमआई


एसएंडपी ग्लोबल का इंडिया सर्विसेज पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स पिछले महीने कम होकर 58.4 पर आ गया. इससे पहले सितंबर महीने में सर्विस सेक्टर का ये सूचकांक 61 पर रहा था. इस तरह देखें तो पिछले महीने के दौरान सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में अच्छी-खासी गिरावट आई. अक्टूबर महीने में सर्विस सेक्टर का इंडेक्स पिछले 7 महीने में सबसे कम रहा.


27वें महीने ग्रोथ बरकरार


हालांकि राहत की बात ये है कि सर्विस सेक्टर अभी भी ग्रोथ की राह पर है. पीएमआई का 50 से ऊपर रहना सेक्टर में ग्रोथ का संकेत देता है. वहीं सूचकांक के 50 रहने से स्थिरता और 50 से कम सूचकांक से गिरावट का पता चलता है. अक्टूबर महीने के दौरान लगातार 27वीं बार ऐसा हुआ, जब किसी महीने के दौरान सेवा क्षेत्र का पीएमआई 50 से ऊपर रहा. यानी भारत का सर्विस सेक्टर लगातार 27वें महीने ग्रोथ की राह पर रहा है.


मैन्युफैक्चरिंग का ऐसा हाल


इससे पहले इसी सप्ताह मैन्युफैक्चरिंग यानी विनिर्माण क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े भी जारी किए गए. दो दिन पहले जारी हुए आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर महीने में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई कम होकर 55.5 पर आ गया, जो उससे एक महीने पहले यानी सितंबर में 57.5 पर रहा था. अक्टूबर महीने में मैन्युफैक्चरिंग का पीएमआई आंकड़ा 8 महीने में सबसे कम रहा है. हालांकि गिरावट के बाद भी लगातार 28वें महीने मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 50 से ऊपर रहा था, यानी लगातार 28 महीने से विनिर्माण क्षेत्र ग्रोथ की राह पर बना हुआ है.


भारी पड़ गए ये कारण


अक्टूबर महीने के दौरान नए ऑर्डर में तेजी के बाद भी मैन्युफैक्चरिंग में प्रतिस्पर्धा संबंधी दबाव से गिरावट आई थी. एसएंडपी ग्लोबल का कहना है कि सर्विस पीएमआई में गिरावट की मुख्य वजह भी कंपटीटीव प्रेशर है. उसके अलावा महंगाई ने भी आंकड़ों को प्रभावित किया है. सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग दोनों पीएमआई में गिरावट आने से अक्टूबर महीने के दौरान ओवरऑल कंपोजिट पीएमआई एक महीने पहले के 61 से कम होकर 58.4 पर आ गया.


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