(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Service Sector PMI: अक्टूबर में भारत की सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में आई तेजी, इकोनॉमी में मजबूती के मिले संकेत
Service Sector PMI: देश में औद्योगिक गतिविधियों के साथ साथ सर्विस सेक्टर भी अब रफ्तार पकड़ रहा है. सर्विस सेक्टर की गतिविधियां अक्टूबर में बढ़ी हैं और इसके पीछे नए कारोबार में मुनाफा एक बड़ी वजह है.
Service Sector PMI: भारत के सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में अक्टूबर में तेजी आई है. अक्टूबर में एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सेवा पीएमआई बढ़कर 55.1 पर आ गया है जो कि सितंबर में 54.3 पर रहा था. यह विकास दर की तेज गति को दिखाने वाला संकेतक है. देश में मांग में मजूबती से रोजगार गतिविधियों में उछाल आ रहा है और नए कारोबारों में मुनाफा मिलने की वजह से सर्विस परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI)में तेजी देखी गई है.
सितंबर में दिखी थी सर्विस पीएमआई में गिरावट
मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सेवा पीएमआई सितंबर में 54.3 पर आ गई थी जो छह महीने का निचला स्तर था लेकिन अक्टूबर में लगातार 15वें महीने सेवा क्षेत्र की गतिविधि में विस्तार देखा गया है.
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस ने क्या कहा
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की जॉइंट डायरेक्टर पोल्याना डी लीमा ने कहा कि अक्टूबर के परिणाम बताते हैं कि सर्विस प्रोवाइडर्स को दाम बढ़ाने के बावजूद अक्टूबर में नया काम मिलने में कोई परेशानी नहीं आई. वहीं मजबूत मांग को समर्थन देने के लिए और लोगों को नौकरियों पर रखा गया और कारोबारी गतिविधियों में भी तेजी आई है.
घरेलू बाजारों से मिला सबसे ज्यादा सपोर्ट
एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्वे के मुताबिक नए कारोबारों में लाभ का मुख्य सोर्स घरेलू बाजार रहा जबकि विदेशी बिक्री तीसरी तिमाही की शुरुआत में और घट गई. इसमें कहा गया कि मार्च 2020 में कोविड-19 का प्रकोप शुरू होने के बाद से अंतरराष्ट्रीय मांग में मासिक कमी देखी जा रही है. अक्टूबर में वृद्धि के सकारात्मक अनुमानों की वजह से भी रोजगार सृजन को बढ़ावा मिला. सर्वे में शामिल 30 फीसदी सदस्यों ने अक्टूबर 2023 तक कारोबारी गतिविधियों में वृद्धि अधिक रहने का अनुमान जताया है.
तीन साल में दूसरी बार रही इतनी अधिक रफ्तार
सेवा अर्थव्यवस्था में नए कारोबारों में बढ़ोतरी जारी रहने और उत्पादन की आवश्यकताओं ने रोजगार सृजन को समर्थन दिया है. लगातार पांचवे महीने रोजगार में बढ़ोतरी हुई है और तीन साल में यह दूसरी बार है जब इसकी रफ्तार इतनी अधिक रही है. खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से अधिक अंक का मतलब विस्तार है, जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन को दर्शाता है.
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