कभी 14 साल की ऊंचाई तो इस बार 5 महीने का निचला स्तर, सर्विस सेक्टर की ग्रोथ कर रही हैरान
Service Sector PMI: आंकड़ों में हैरान करने वाली बात तो ये है कि अप्रैल में सर्विस पीएमआई का डेटा 14 साल के ऊंचे स्तर पर रहा था और इस मई में ये इतना घट गया.
Service Sector PMI: लोकसभा चुनाव के नतीजे तो आ गए और भारत की नई सरकार बनाने के लिए बैठकों का दौर भी आज से चालू हो रहा है. हालांकि इस बीच आर्थिक मोर्चे पर एक खबर आई है जो माथे पर बल डाल सकती है. देश के सर्विस सेक्टर की बढ़ोतरी दर पांच महीने के निचले स्तर पर चली गई है. इंडस्ट्री में कड़े मुकाबले, कीमतों के दबाव और भीषण गर्मी की वजह से मई में भारत के सर्विस सेक्टर की बढ़ोतरी दर घटकर पांच महीने के निचले स्तर पर आ गई है. अप्रैल में सर्विस पीएमआई का डेटा 14 साल के ऊंचे स्तर पर रहा था और इस मई में ये 5 महीने नीचे चला गया.
मई में सर्विस सेक्टर पीएमआई कितना रहा
एचएसबीसी इंडिया सर्विस पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक मई में गिरकर 60.2 पर आ गया जो कि अप्रैल में 60.8 पर था. ये मई सर्विस पीएमआई पिछले साल दिसंबर के बाद से सबसे निचला स्तर है जो मौसमी रूप से समायोजित होता है. खरीद प्रबंधक सूचकांक- परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम पॉइंट का मतलब संकुचन से होता है.
सर्विस सेक्टर ने झेली ये दिक्कतें-लिया सपोर्ट भी
एचएसबीसी मंथली सर्वे के मुताबिक एक और पॉजिटिव बात ये रही कि कारोबारी भरोसे में आठ महीनों में सबसे ज्यादा इजाफा देखा गया है. सेल्स में बढ़ोतरी, प्रोडक्टिविटी में तेजी और मांग में मजबूती से ग्रोथ को सपोर्ट मिला जबकि कड़े मुकाबले और कीमतों पर प्रेशर की वजह से सर्विस सेक्टर को कुछ दिक्कतें भी झेलनी पड़ी. इसके अलावा मई के आंकड़ों से सामने आया कि नए बिजनेस में मजबूत बढ़ोतरी ने भारत की सर्विस इकोनॉमी में उत्पादन बढ़ोतरी को सपोर्ट देना जारी रखा है.
इकोनॉमिस्ट का क्या है कहना
एचएसबीसी की ग्लोबल इकोनॉमिस्ट मैत्रेयी दास ने कहा कि मई में भारत की सर्विस एक्टिविटी थोड़ी धीमी गति से बढ़ी है लेकिन घरेलू नए ठेकों में थोड़ी कमी के बावजूद वो मजबूत बने रहे. यह मजबूत मांग को दिखाता है. कीमतों की बात करें तो मई में कच्चे माल और लेबर कॉस्ट में बढ़ोतरी के चलते लागत दबाव बढ़ गया है. कंपनियां मूल्य बढ़ोतरी का केवल एक हिस्सा ही ग्राहकों तक पहुंचाने में सक्षम रहीं.
नए निर्यात ठेके 10 साल के उच्चतम स्तर पर- सर्विस पीएमआई से पता चला
मई में जिस क्षेत्र में अच्छा सुधार हुआ, वो है एक्सपोर्ट टेंडर या निर्यात ठेके. सितंबर 2014 में सीरीज की शुरुआत के बाद से इसमें मई में दिखी बढ़ोतरी सबसे तेज रही. सर्वे के मुताबिक इंटरनेशनल मार्केट से नए टेंडर में एक दशक में सबसे तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई जिसमें एशिया, अफ्रीका, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका से डिमांड में मजबूत बढ़ोतरी देखी गई. हालांकि इस बीच, एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स मई में गिरकर 60.5 हो गया जो अप्रैल में 61.5 था.
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