Moodys Investors Service: भारत की सॉवरेन रेटिंग बढ़ाने पर सरकार का जोर, वित्त मंत्रालय और मूडीज इवेस्टर्स सर्विस के बीच 16 जून को होगी बैठक
India Sovereign Rating: मूडीज ने भारत को स्टेबल आउटलुक के साथ Baa3 रेटिंग दिया हुआ है जो निवेश का सबसे निचला ग्रेड है. जीडीपी के शानदार आंकड़े और बढ़ते निवेश के चलते सरकार सुधार पर जोर दे रही है.
Moody's India Rating Upgrade: भारत सरकार (Indian Government) देश की क्रेडिट रेटिंग को अपग्रेड ( Credit Rating Upgrade) कराने की जुगत में है. वित्त मंत्रालय ( Finance Ministry) के अधिकारी 16 जून, 2023 को इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी मूडीज इवेस्टर्स सर्विस ( Moody's Investors Service) के अधिकारियों के साथ मुलाकात कर भारत की सॉवरेन रेटिंग ( India Sovereign Rating) को अपग्रेड के लिए कहने वाली है. इस बैठक में भारतीय अर्थव्यवस्था ( Indian Economy) मैनेज करने वाले सभी सरकारी विभागों के आला अधिकारी मौजूद होंगे. फिलहाल मूडीज ने भारत को स्टेबल आउटलुक ( Stable Outlook) के साथ Baa3 रेटिंग दिया हुआ है जो निवेश का सबसे निचला ग्रेड है.
वित्त मंत्रालय और मूडीज इवेस्टर्स सर्विस के अधिकारियों के बीच रेटिंग अपग्रेड करने को लेकर होने वाली ये बैठक रॉयटर्स के हवाले से आई है. 16 जून को होने वाली इस बैठक में मुख्य आर्थिक सलाहकार ( Chief Economic Advisor) वी अनंत नागेश्वरन (V Anantha Nageswaran) के नेतृत्व में मूडीज इवेस्टर्स सर्विस के अधिकारियों के साथ ये बैठक होगी. इस बैठक में भारतीय अधिकारियों की तरफ से 2022-23 के लिए शानदार जीडीपी के आंकड़े ( GDP Data) के साथ बेहतर ग्रोथ आउटलुक ( Robust Growth Outlook) का उदाहरण पेश किया जाएगा. साथ ही महंगाई में कमी के साथ दूसरे बेहतर मैक्रो-इकोनॉमिक फैक्टर्स (Macro-Economic Factors) का हवाला देकर रेटिंग अपग्रेड करने पर जोर दिया जाएगा.
इससे पहले रेटिंग को अपग्रेड करने को लेकर वित्त मंत्रालय दुनिया के दो दूसरी रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) और एस एंड पी (S&P) के साथ भी मुलाकात कर चुकी है. दोनों ने ही मई महीने के रिव्यू में भारत के लिए स्टेबल आउटलुक के साथ BBB- रेटिंग को बरकरार रखा था.
2022-23 में भारत का जीडीपी 7.2 फीसदी रहा है जो उसे दुनिया में सबसे तेजी गति विकास करने वाली अर्थव्यवस्था की श्रेणी में रखता है. खुदरा महंगाई दर 18 महीने के निचले स्तर 4.7 फीसदी पर आ चुकी है. 2023-24 में भी 6.5 फीसदी के दर आर्थिक विकास की संभावना जताई जा रही है. चालू खाते का घाटा को लेकर चिंता कम हुई है. वित्तीय घाटे में कमी आई है और सरकार ने इसे जीडीपी का 4.5 फीसदी रखने का लक्ष्य रखा है. यही वजह है सरकार भारत की रेटिंग को अपग्रेड करने पर जोर दे रही है.
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