प्रतिकूल आर्थिक परिस्थितियों के बीच दुनिया भर में एक साल से ज्यादा समय से छंटनी का दौर (Global Layoffs) देखने को मिल रहा है. छंटनी का असर लगभग हर सेक्टर पर हो रहा है. स्टार्टअप इससे कुछ ज्यादा प्रभावित है. भारत (India Layoffs) में भी यह ट्रेंड हावी है. एक रिपोर्ट के अनुसार, छंटनी के इस दौर में भारतीय स्टार्टअप (Indian Startups) में अब तक करीब 27 हजार टेक कर्मचारी नौकरी गंवा चुके हैं.
जारी है छंटनी का दौर
आईएएनएस की एक रिपोर्ट में स्टार्टअप न्यूज पोर्टल Inc42 के हवाले से छंटनी के आंकड़ों की जानकारी दी गई है. आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल से फंडिंग की कमी की समस्या का सामना कर रहे भारतीय स्टार्टअप अब तक करीब 27 हजार लोगों की छंटनी कर चुके हैं. छंटनी की यह रफ्तार अभी भी धीमी नहीं हुई है और साल 2023 में भी बड़े पैमाने पर छंटनी जारी है.
एडुटेक कंपनियां छंटनी में आगे
रिपोर्ट में बताया गया है कि छंटनी के इस दौर में 98 स्टार्टअप अपने 26,868 कर्मचारियों को पिंक स्लिप थमा चुके हैं, यानी नौकरी से बाहर कर चुके हैं. छंटनी करने के मामले में एडुटेक स्टार्टअप (EdTech Startup) आगे हैं, जिनमें यूनिकॉर्न स्टार्टअप कंपनियां भी शामिल हैं. आंकड़ों के अनुसार, अब तक कम से कम 22 एडुटेक स्टार्टअप ने छंटनी की है, जिसमें 9,781 लोगों की नौकरी गई है.
इस साल गई इतनों की नौकरी
इस साल की बात करें तो अब तक 8 हजार से ज्यादा लोगों की नौकरी जा चुकी है. साल 2023 में अब तक करीब 50 भारतीय स्टार्टअप ने छंटनी की है. वर्चुअल इवेंट प्लेटफॉर्म एयरमीट ने अपने 30 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की है, जिसका असर 75 लोगों पर हुआ है. क्रेड ने अपनी कंपनी हैपपे के करीब 35 फीसदी कर्मचारियों को काम से बाहर किया है. वहीं एडुटेक स्टार्टअप टीचमिंट ने दूसरे दौर की छंटनी में 70 से ज्यादा कर्मचारियों को बाहर किया है. कंपनी इससे पहले करीब 40 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुकी है.
चेन्नई बेस्ड एडुटेक स्टार्टअप स्किल-लिंक ने कहा है कि वह वैश्विक वृहद आर्थिक परिस्थितियों के कारण अपने परिचालन को कंसोलिडेट कर रही है. इसके तहत चेन्नई, बेंगलुरू और हैदराबाद के कर्मचारियों पर असर हुआ है.
दुनिया भर में छंटनी की मार
साल 2023 टेक सेक्टर के लिए काफी बुरा साबित हो रहा है. पूरी दुनिया में इस साल अब तक करीब 2 लाख टेक कर्मचारी छंटनी का शिकार बन चुके हैं. छंटनी करने वाली कंपनियों में फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा, बीटी, वोडाफोन जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं. छंटनी की रिपोर्ट करने वाली वेबसाइट लेऑफ्स डॉट एफवाईआई के अनुसार, इस साल अब तक 695 टेक कंपनियों ने छंटनी की है, जिसमें करीब 1.98 लाख कर्मचारी शिकार बने हैं.
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