(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sugar Price Hike: महंगी चीनी से राहत की उम्मीद कम, 2023-24 सीजन के पहले 3 महीने में 7.7% कम हुआ चीनी का उत्पादन
Sugar Price Update: सरकार के डेटा के मुताबिक फिलहाल चीनी का औसत कीमत 44.62 रुपये किलो है जो एक साल पहले 41.82 रुपये किलो था.
Sugar Price Hike: चीनी की मिठास की कड़वाहट अभी जारी रह सकती है. 2023-24 सीजन के पहले तीन महीने में चीनी के उत्पादन में 7.7 फीसदी की कमी आई है और ये घटकर 113 लाख टन रहा है. महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने के पैदावार में गिरावट के चलते चीनी के उत्पादन में कमी आई है.
नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (NFCSF) ने डेटा जारी करते हुए बताया कि मौजूदा सीजन में दिसंबर 2023 तक 511 फैक्ट्रियों ने अब तक 1223 लाख टन गन्ने की पेराई की है. देश की तीन बड़े चीनी उत्पादन करने वाले राज्यों में महाराष्ट्र और कर्नाटक में उत्पादन में कमी आई है. सरकार ने गन्ने के जूस से एथेनॉल बनाने को सीमित कर दिया है. देश में 2023-24 सीजन में घरेलू खपत के लिए 305 लाख टन नए चीनी का उत्पादन होने की उम्मीद है जो बीते साल 2022-23 सीजन में 330.90 लाख टन रहा था. एमएफसीएसएफ के डेटा के मुताबिक चीनी प्रोडक्शन के मामले में सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र में दिसंबर तक 38.40 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि बीते साल 2022-23 में 47.40 लाख टन उत्पादन हुआ था.
डेटा के मुताबिक कर्नाटक में इस सीजन में 24 लाख चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल 26.70 लाख टन उत्पादन हुआ था. उत्तर प्रदेश में दिसंबर 2023 तक 34.65 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जो एक साल पहले 30.80 लाख उत्पादन हुआ था. एमएफसीएसएफ के मुताबिक ठंड के बढ़ने के साथ चीनी उत्पादन में बढ़ोतरी आएगी. सीजन के अंत तक उत्तर प्रदेश में 115 लाख चीनी के उत्पादन होने की उम्मीद है. महाराष्ट्री में 90 लाख टन और कर्नाटक में 42 लाख चीनी का उत्पादन हो सकता है. तमिलनाडु में 12 लाख टन और गुजरात में 10 लाख टन प्रोडेक्शन होने का अनुमान है.
एमएफसीएसएफ के एमडी प्रकाश नायकनवारे ने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि एथेनॉल प्रोडक्शन पर लगी बंदिशों में आने वाले दिनों में छूट दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि पहले 290 लाख टन चीनी के उत्पादन होने का अनुमान था जिसमें 15 लाख टन का और इजाफा हो सकता है. उन्होंने कहा कि एमएफसीएसएफ और इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन केंद्र सरकार का इस ओर ध्यान आकर्षित करेगी जिससे चीनी कंपनियों को राहत मिल सके.
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