Indian Economy: अमृतकाल के शुरू में ही 5 ट्रिलियन डॉलर की होगी भारतीय अर्थव्यवस्था, सरकार ने संसद को दी जानकारी
Parliament Session: वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा, मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता के चलते रुपये की मजबूती से भारत 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को हासिल करेगा.
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Indian Economy: मोदी सरकार ने कहा है कि अमृत काल के शुरुआती दौर में ही भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में कामयाब होगा. सरकार ही 2047 तक सरकार ने भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है. सरकार का कहना है कि मैक्कोइकोनॉमिक स्टैबिलिटी और मजबूत रुपये के दम पर भारत इस उपलब्धि को हासिल करेगा.
2047 तक भारत बनेगा विकसित अर्थव्यवस्था
लोकसभा में प्रश्नकाल में वित्त मंत्री से सवाल किया गया था कि क्या सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य लेकर चल रही है? तो इस लक्ष्य को हासिल करने में एक्सचेंज रेट की क्या भूमिका होगी. इस प्रश्न के लिखित जवाब में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा, 'सरकार 2047 तक भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. इस कड़ी में अमृतकाल के शुरुआत में भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा.' उन्होंने कहा, मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता के चलते मजबूत रुपये की मदद से भारत इस माइलस्टोन को हासिल करेगा.
2027-28 में 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी
वित्त राज्यमंत्री ने कहा, एक्सचेंज रेट की अनदेखी नहीं की जा रही है क्योंकि इसी के जरिए दुनिया में भारत की जीडीपी को आंका जाता है. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड का अनुमान है कि 2027-28 में तीसरी सबसे बड़ी जीडीपी के साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी. उन्होंने कहा, भारत एक मार्केट इकोनॉमी है और सरकार मार्केट आधारित जीडीपी और एक्सचेंज रेट के जरिए आर्थिक तरक्की को मॉनिटर करती है. उन्होंने बताया, घरेलू और इंटरनेशनल मार्केट ऐसे मैकेनिज्म है जो भारत की जीडीपी, एक्सचेंज रेट, जीडीपी में अलग अलग सेक्टर्स के योगदान को निर्धारित करते हैं.
9 साल में सरकार ने लिए कई फैसले
वित्त राज्यमंत्री ने कहा, सरकार सालाना पेश होने वाले बजट में पॉलिसी इंटरवेशन के लिए भी इकोमॉमिक प्रोग्रेस में योगदान करती है. उन्होंने बताया कि 9 वर्ष में जीडीपी को बढ़ाने के लिए सरकार ने आईबीसी (Insolvency and Bankruptcy (IBC) Code), सरकारी बैंकों के पूंजीकरण, जीएसटी, कॉरपोरेट टैक्स में कमी, पूंजी खर्च में बढ़ोतरी, पीएलआई, विदेशी निवेश का सरलीकरण और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने जैसे फैसले लिए हैं.
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