Household Consumption Expenditure Survey: भारत सरकार ने करीब एक दशक के बाद पिछले हफ्ते घरेलू खपत एक्सपेंडिचर सर्वे (Household Consumption Expenditure Survey) जारी किया है. पर ये माना जा रहा है भारत सरकार अगले राउंड की सर्वे कराने की तैयारी कर रही है जिसमें रिटेलर्स से आईटम्स और ब्रांड का भी सर्वे किया जाएगा जिससे घरेलू खपत की असल तस्वीर का पता लग सके. इसके जरिए खुदरा महंगाई दर के सही आंकड़े का पता लगाने में मदद मिलेगी. 


रॉयटर्स की खबर के मुताबिक  पिछले हफ्ते सरकार ने 2022-23 के घरेलू खपत एक्सपेंडिचर सर्वे को जारी किया है. इस सर्वे के मुताबिक घरेलू खर्च में फूड आईटम्स पर खर्च करने की हिस्सेदारी में बड़ी कमी आई है. नए सर्वे के जरिए कंज्यूमर प्राइस इंफ्लेशन को मापने में खाद्य पदार्थों के वेटेज को घटाने में मदद मिलेगी. इसी के जरिए सेंट्रल बैंक भारतीय रिजर्न बैंक (Reserve Bank Of India) मॉनिटरी पॉलिसी (Monetary Policy) तैयार करती है. 


सांख्यिकी मंत्रालय के पैनल के हेड प्रणब सेन ने बताया कि  सरकार 2023-24 के नए घरेलू खपत एक्सपेंडिचर सर्वे का इंतजार करेगी जो अगस्त 2023 से लेकर जुलाई 2024 के बीच किया जाएगा जिससे कंज्यूमर इंफ्लेशन इंडेक्स में बदलाव किया जा सके. उन्होंने 2022-23 के सर्वे के हवाले बताया कि लोग अब अनाज पर कम खर्च कर रहे हैं और प्रोसेस्ड फूड्स, कपड़े, हेल्थ सर्विसेज और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं. 


प्रणब सेन ने बताया कि सीपीआई इंडेक्स में नए आईटम्स को शामिल करने से पहले रिटेल मार्केट सर्वे की आवश्यकता होगी. इस सर्वे में 5 से 6 महीने का समय लग सकता है. उन्होंने कहा कि खुदरा महंगाई दर को मांपने के बेस ईयर में बदलाव अलगे वर्ष ही संभव है. मौजूदा समय में खुदरा महंगाई दर को मांपने के लिए 2012 को बेस ईयर माना जाता है. बहरहाल 2022-23 के हाउसहोल्ड सर्वे का फाइनल रिपोर्ट अगले दो से तीन महीने में जारी किया जाएगा.  


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