Russia Ukraine War: रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के चलते रूसी तेल ( Russian Oil) पर प्रतिबंध लगा हुआ है. अमेरिका ( United States) ने पहले से प्रतिबंध लगा रखा है तो यूरोपीयन यूनियन ( European Union) इस साल के अंत से रूस से कच्चा तेल ( Crude Oil) नहीं खरीदेंगी ऐसे में भारत के पास सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीदने का बड़ा अवसर मिल गया है. रूस और यूक्रेन बीच युद्ध के लंबे खींचने और रूस पर यूरोपीय देशों के बंदिशों के बाद भारत रूस से कच्चा तेल आयात को दोगुना करने जा रहा है. दरअसल दूसरी देशों की बड़ी कंपनियां रूस की तेल कंपनियों के साथ कोई डील करने से परहेज कर रही हैं तो ऐसे में भारत मौके का फायदा उठाना चाहता है. भारत रूस की सबसे बड़ी तेल कंपनी रोसनेफ्ट ( Rosneft PJSC) से सस्ते और भारी भरकम डिस्काउंट वाले कच्चे तेल के आयात करने पर विचार कर रहा है.
सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीदने की तैयारी
सरकारी तेल कंपनियां अगले 6 महीने के लिए रूस की तेल कंपनी से कच्चे तेल के सप्लाई कॉंट्रैक्ट हासिल करने की जुगत में हैं. रोसनेफ्ट ( Rosneft PJSC) से डिलिवरी बेसिस पर डील करने पर चर्चा हो रही है जिसमें तेल बेचने वाली कंपनी कार्गो भारत लाने के दौरान होने वाली शिपिंग और बीमा का खर्च वहन करेगा. भारत पहले भी सस्ते दामों में युद्ध रूस से कच्चा तेल आयात कर चुका है. अब नए डील को लेकर तैयारी चल रही है.
भारत चीन खरीद रहे रूस से सस्ता तेल
भारत की तीनों सरकारी कंपनियां और निजी कंपनियां रूस से सस्ते दामों में इन दिनों कच्चा तेल आयात कर रही हैं. अमेरिका, यूके और यूरोप द्वारा रूसी तेल खरीदने के खिलाफ प्रतिबंध लगाये जाने के बाद इन देशों की तेल कंपनियों ने आयात बंद कर दिया तो रूस से निकलने वाला कच्चा तेल अब भारत और चीन में सप्लाई किया जा रहा है. वहीं रूस से कम दाम पर कच्चे तेल खरीदने पर देश की सरकारी और निजी रिफाइनिंग कंपनियों को जबरदस्त फायदा हो रहा है. एक तरफ ऊंचे दाम पर वे घरेलू मार्केट में पेट्रोल डीजल बेच रही हैं तो पेट्रोल डीजल एक्सपोर्ट भी कर रही हैं जिससे उनको जबरदस्त मुनाफा हो रहा है.
ये भी पढ़ें