Wheat Import: चुनावी वर्ष में गेहूं की कीमतों में उछाल ने उड़ाई सरकार की नींद, रूस से आयात करने पर हो रहा विचार
Wheat Import From Russia: पिछले 15 वर्षों में भारत सरकार ने कभी भी गेहूं का इंपोर्ट नहीं किया था. लेकिन चुनावी वर्ष और कीमतों में उछाल के बाद इस वर्ष करना पड़ सकता है.
India To Import Wheat: एक तो चुनावी वर्ष उसपर से गेहूं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी ने सरकार की सिरदर्दी बढ़ा रखी है. उसपर से इस मानसून सीजन में कई राज्यों में कम बारिश के चलते खेतिहर भूमि में नमी नहीं रहने की आशंका है जिसका असर आने वाले रबी सीजन में गेहूं के पैदावार पर असर पड़ने की संभावना है. ऐसे में गेहूं की कीमतों में जारी तेजी थमने के आसार कम नजर आ रहे. घरेलू मार्केट में गेहूं की कीमतों में लगाम लगाने के लिए 15 वर्षों के बाद भारत सरकार इंपोर्ट का सहारा लेने पर विचार कर रही है.
रूस से अब गेहूं इंपोर्ट!
घरेलू से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गेहूं की कीमतों में उछाल के बाद सप्लाई बढ़ाकर कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार रूस से सस्ते दामों पर गेहूं आयात करने पर विचार कर रही है. भारत ने रूस से इसके लिए बातचीत शुरू कर दी है. रूस से गेहूं के आयात होने पर कीमतों में नरमी लाने में मदद मिलेगी.
2 महीने में 10% बढ़ी कीमत
जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर 15 महीने के उच्च स्तर 7.44 फीसदी पर जा पहुंची है तो खाद्य महंगाई दर 2022 के बाद अपने हाई 11.51 फीसदी पर जा पहुंची है. खाद्य महंगाई में उछाल की वजहों में साग-सब्जियों के अलावा गेहूं का भी योगदान रहा है. पिछले दो महीने में थोक बाजार में गेहूं की कीमतें 10 फीसदी बढ़ी है और सात महीने के हाई पर जा पहुंची है. सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार रूस से गेहूं का आयात प्राइवेज ट्रेड और दोनों सरकारों की आपसी डील के जरिए करने की संभावनाओं को टटोल रही है. भारत सरकार ने कई वर्षों से गेहूं का आयात नहीं किया है. 2017 में प्राइवेट ट्रेडर्स के जरिए 5.3 मीट्रिक टन गेहूं का इंपोर्ट किया गया था.
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार सचेत
इस वर्ष के आखिर में कई बड़े राज्यों में विधानसभा होने हैं तो अगले वर्ष अप्रैल 2024 में लोकसभा चुनाव है. चुनावी वर्ष होने के चलते सरकार गेहूं की कीमतों में उछाल का जोखिम नहीं ले सकती है. क्योंकि इससे थाली की रोटी महंगी हो सकती है. इसलिए गेहूं आयात करने को लेकर चर्चा की जा रही है हालांकि अभी तक इसपर कोई फैसला नहीं हुआ है. पिछले महीने खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने रूस से गेहूं इंपोर्ट करने की संभावनाओं को खारिज कर दिया था.
डिस्काउंट पर गेहूं खरीदने की योजना
भारत रूस से 8 से 9 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं इंपोर्ट कर सकती है जिससे घरेलू मार्केट में त्योहारी सीजन से लेकर चुनावों के दौरान घरेलू मार्केट में गेहूं की कीमतों को कम रखने में मदद मिल सके. रूस ने डिस्काउंट पर गेहूं सप्लाई करने का ऑफर दिया है. रूस पर आर्थिक प्रतिबंध होने के बावजूद रूस से खाद्य वस्तुओं के एक्सपोर्ट पर कोई रोक नहीं है.
कच्चा तेल और सनफ्लावर ऑयल भी किया इंपोर्ट
भारत ने रूस यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद सस्ते दामों पर कच्चे तेल का आयात किया था. भारत रूस से सनफ्लावर ऑयल भी इंपोर्ट कर रहा है. भारत को रूस से 25 से 40 डॉलर प्रति टन तक गेहूं के इंपोर्ट पर डिस्काउंट मिल सकता है. एक अगस्त 2023 तक भारत सरकार के गोदामों में 28.3 मिलियन टन गेहूं का स्टॉक मौजूद है जो 10 वर्ष के औसत स्टॉक से 20 फीसदी कम है.
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