चीन से अपना मैन्यूफैक्चरिंग बेस बाहर ले जाने की जापानी कंपनियों की कोशिश भारत को फायदा पहुंचा सकती है. कई जापानी कंपनियां चीन से बाहर भारत या बांग्लादेश में अपना मैन्यूफैक्चरिंग बेस  ले जाना चाहती हैं या फिर अपने देश में फैक्ट्री लगा सकती हैं. लिहाजा भारत ने कई ऐसी जापानी कंपनियों से संपर्क साधा है, जिनका यहां मैन्यूफैक्चरिंग बेस नहीं है. साथ ही सरकार उन कंपनियों को भी उन प्रोडक्ट का उत्पादन करने को कह रही है, जिनका यहां पहले से उत्पादन नहीं हो रहा है.


कई दिग्गज कंपनियों को दिए ऑफर
इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक सरकार ने निनतेंदो, हिताची मेटल्स, ताइशो फार्मा, ओनो फार्मा और मिजुनो जैसी कंपनियों का यहां अपना मैन्यूफैक्चरिंग बेस लगाने का अनुरोध किया है. जापान सरकार चीन में काम कर रही जापान कंपनियों को इन्सेंटिव दे रही है जो या तो अपने देश में या फिर भारत, बांग्लादेश में मैन्यूफैक्चरिंग बेस शिफ्ट करेंगी.


जापान सरकार भी कर रही है मदद


भारत सरकार ने तीन कैटेगरी की जापानी कंपनियों को अपने यहां बुलाने का फैसला किया है. इनमें ऐसी कंपनियां शामिल हैं, जिनका मैन्यूफैक्चरिंग बेस नहीं है. वह उन कंपनियों को भी बुलाएगी, जो यहां मौजूद तो हैं लेकिन उनके एक-दो वर्टिकल ही हैं. तीसरी श्रेणी की कंपनियां वो होंगी, जो यहां मौजूद हैं लेकिन अरपनी क्षमता नहीं बढ़ा रही हैं. उनसे क्षमता बढ़ाने की अपील की जाएगी.
सरकार माजदा, सुबारू, स्पोर्ट्स रिटेल और ई-कॉमर्स कंपनी मिजुनो, टेक्सटाइल कंपनी देसेंत और यूनितिका को यहां मैन्यूफैक्चरिंग बेस लगाने के लिए बुला सकती हैं. रेलकार मेकर्स जापान ट्रांसपोर्ट इंजीनियर कंपनी भी आ सकती है. जापानी सरकार ने 2020 में चीन से बाहर निकलने के लिए जापानी कंपनियों को 22 करोड़ डॉलर का इन्सेंटिव देने का फैसला किया है.


Gold Loan Tips: गोल्ड लोन लेना चाहते हैं? नियमों और शर्तों को अच्छी तरह जान लें


लॉकडाउन में ढील के बाद अब महंगाई कम होगी, सप्लाई की दिक्कतों की वजह से बढ़ी मुद्रास्फीति: CEA