FPI Flow In India: 2024 की दूसरी छमाही जुलाई से दिसंबर के दौरान देश में विदेशी पोर्टफोलियो इंवेस्टमेंट (FPI) इंफ्लो में जोरदार उछाल देखने को मिल सकता है. खासतौर से अगले महीने जुलाई के तीसरे हफ्ते में केंद्र में नई सरकार के पहले बजट पेश होने के बाद सरकार की नीतियों को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी उसके बाद भारत में एफपीआई इंफ्लो के बढ़ने की उम्मीद है. जेफ्फरीज (Jefferies) ने भारतीय शेयर बाजार को लेकर ग्लोबल निवेशकों से मिले फीडबैक के आधार पर अपने स्ट्रैटजी नोट में ये बातें कही है.
निवेशकों को बजट का इंतजार
जेफ्फरीज ने अपने स्ट्रैटजी नोट में कहा, हाल ही में अमेरिका में हुए रोडशो में 50 से ज्यादा निवेशकों के साथ हुए चर्चा के बाद हम ये नतीजे पर पहुंचे हैं कि 2024 की दूसरी छमाही में बजट पेश होने के बाद सरकार की नीतियों को लेकर स्पष्टता सामने आने के बाद भारत में एफपीआई इंफ्लो रफ्तार पकड़ेगी. नोट के मुताबिक इमर्जिंग मैनडेट्स के अलावा कई ग्लोबल और इंटरनेशनल इंवेस्टर्स रियल एस्टेट (Real Estate), इंफ्रा (Infra), कैपिटल गुड्स (Capital Goods), एसओई (State-Owned Enterprise), डिस्ट्रीशनरी कंजम्प्शन (Discretionary Consumption) जैसे नए आइडिया में निवेश को लेकर गहरी रुचि दिखा रहे हैं. जेफ्फरीज के मुताबिक एफपीआई रजिस्ट्रेशन में हो रही देरी के चलते निवेशक एडीआर में निवेश पर विचार कर रहे हैं जो कि एचडीएफसी औऱ आईसीआसीआई के लिए बेहतर है.
फेड के ब्याज दर घटाने के बाद बढ़ेगा FPI इंफ्लो
जेफ्फरीज ने कहा, अमेरिका में हुई इंवेस्टर्स मीटिंग ग्लोबल और इंटरनेशनल (गैर-अमेरिकी) निवेशकों के भारत में निवेश को लेकर जिज्ञासा को दर्शाता है. मध्यम अवधि में भारत के 7 फीसदी से ज्यादा जीडीपी ग्रोथ रेट और 5 ट्रिलियन साइज की बड़ी इकोनॉमी बनने के आसार ने भारत में निवेशकों के लिए अवसर को बढ़ा दिया है. स्ट्रैटजी नोट के मुताबिक अमेरिकी फेडरल रिजर्व के संभावित ब्याज दरों में कटौती भारत में एपपीआई इंफ्लो में तेजी के लिए ट्रिगर का काम करेगा. रिपोर्ट के मुताबिक भारत का महंगा वैल्यूएशन निवेशकों के बीच चिंता का कारण है लेकिन घरेलू रिटेल निवेशकों के इंफ्लो में कमी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए भारत में निवेश के बड़े अवसर पैदा कर सकता है.
कंजम्प्शन से जुड़े थीम्स पर जोर
वैश्विक और इंटरनेशनल फंड्स के विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बड़े बैंकों, आईटी और कंजम्प्शन जैसे सेक्टर्स के हटकर दूसरे सेक्टर्स में निवेश की संभावना को तलाश रहे हैं. नोट के मुताबिक सरकार की ओर से इंफ्रास्ट्रक्चर पर किए जा रहे खर्च के अलावा एफपीआई के बीच रियल एस्टेट सेक्टर को लेकर स्वीकार्यता बढ़ी है. एफपीआई रेसिडेंशियल रियल एस्टेट, एयरपोर्ट्स, होटल्स और मॉल्स में निवेश करने को लेकर अपनी रुचि दिखा रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि गोदरेज प्रॉपर्टीज (Godrej Properties), जीएमआर एयरपोर्ट्स (GMR Airports), इंडियन होटल्स (Indian Hotels) और अपोलो हॉस्पिटल्स (Apollo Hospitals) निवेशकों के खपत से जुड़े कैपिटल एक्सपेंडिचर नामों में पंसदीदा स्टॉक्स है.
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