जनवरी 2025 में लगातार तीसरे महीने भारत के गुड्स एक्सपोर्ट में आई गिरावट, 23 अरब डॉलर रहा व्यापार घाटा
Export-Import Data: वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर आयात 10.28 प्रतिशत बढ़कर 59.42 अरब डॉलर रहा है. इससे व्यापार घाटा बढ़कर 22.99 अरब डॉलर हो गया है.

India Trade Data: कच्चे तेल के दामों में गिरावट का असर भारत के एक्सपोर्ट पर पड़ने लगा है. जनवरी 2025 में लगातार तीसरे महीने गुड्स के निर्यात में गिरावट देखने को मिली है जिसके चलते व्यापार घाटा बढ़ा है क्योंकि इंपोर्ट में तेज उछाल देखने को मिला है.
वाणिज्य मंत्रालय ने जनवरी महीने के लिए ट्रेड डेटा जारी किया है. और इस डेटा के मुताबिक देश के निर्यात में लगातार तीसरे महीने गिरावट आई है और यह जनवरी महीने में 2.38 फीसदी घटकर 36.43 अरब डॉलर रहा है. मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में उतार-चढ़ाव और वैश्विक अनिश्चितताओं की वजह से निर्यात घटा है.
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर आयात 10.28 प्रतिशत बढ़कर 59.42 अरब डॉलर रहा है. इससे व्यापार घाटा बढ़कर 22.99 अरब डॉलर हो गया है. दिसंबर में व्यापार घाटा 21.94 अरब डॉलर और पिछले साल जनवरी 2024 में 16.55 अरब डॉलर रहा था.
मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 10 महीने अप्रैल-जनवरी के दौरान निर्यात 1.39 प्रतिशत बढ़कर 358.91 अरब डॉलर रहा है और आयात 7.43 फीसदी बढ़कर 601.9 अरब डॉलर रहा है. आयात और निर्यात के बीच अंतर को बताने वाला व्यापार घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीने में 242.99 अरब डॉलर रहा है.
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि दुनिया में आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत का वस्तु और सेवा निर्यात का प्रदर्शन बेहतर है. उन्होंने कहा कि जनवरी महीने के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स, औषधि, चावल और रत्न एवं आभूषण जैसे क्षेत्रों में वृद्धि दर अच्छी रही है. उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया भर में संघर्षों और शुल्क दरों को लेकर जवाबी कार्रवाई के बावजूद, हम अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत का माल और सेवाओं का निर्यात 2024-25 में 800 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर जाएगा. 2023-24 में ये 778 अरब डॉलर रहा था.
जनवरी में देश का सोने का आयात 1.9 अरब डॉलर से बढ़कर 2.68 अरब डॉलर हो गया है. दिसंबर, 2024 में यह 4.7 अरब अमेरिकी डॉलर था. कच्चे तेल का आयात जनवरी, 2024 में घटकर 13.43 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले इसी महीने में 16.56 अरब डॉलर था. दिसंबर, 2024 में यह 15.27 अरब डॉलर था.
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