Trade Data: देश के व्यापार घाटे को लेकर बड़ी खबर है और इसमें गिरावट दर्ज की गई है. भारत का व्यापार घाटा दिसंबर में घटकर 21.94 बिलियन डॉलर पर आ गया है. नवंबर में व्यापार घाटे का संशोधित आंकड़ा 32.84 बिलियन डॉलर पर रहा था. हालांकि साल 2023 के दिसंबर के मुकाबले देखा जाए तो इसमें बढ़त दर्ज की गई है. दिसंबर 2023 में देश का व्यापार घाटा 18.76 बिलियन डॉलर पर दर्ज किया गया था.
दिसंबर में भारत का आयात 4.8 परसेंट बढ़कर 59.95 बिलियन डॉलर पर रहा
पिछले दिसंबर में गुड्स का एक्सपोर्ट एक परसेंट गिरकर 38.01 बिलियन डॉलर पर आ गया था जो कि पिछले साल के दिसंबर में 38.39 बिलियन डॉलर पर रहा था. वहीं आयात के आंकड़े की बात की जाए तो ये दिसंबर 2024 में 4.8 परसेंट बढ़कर 59.95 बिलियन डॉलर पर रहा था जबकि इससे पिछले साल यानी दिसंबर 2023 में ये 57.15 बिलियन डॉलर पर रहा था. महीने-दर-महीने आधार पर देखें तो नवंबर 2024 में भारत का मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 32.11 बिलियन डॉलर पर रहा था जबकि इंपोर्ट 64.95 बिलियन डॉलर पर रहा था.
नवंबर में सोने के इंपोर्ट का आंकड़ा सुधरा तो देश का व्यापार घाटे का आंकड़ा भी बदला
केंद्र सरकार ने पहले दिसंबर में कहा था कि ये 37.84 बिलियन डॉलर के ऑलटाइम हाई पर जा पहुंचा है, हालांकि इसी महीने में सोने के आयात का डेटा जब संशोधित हुआ तो इस के बाद देश के व्यापार घाटे का आंकड़ा 32.84 बिलियन डॉलर पर जा पहुंचा. नवंबर में सरकार ने गोल्ड के इंपोर्ट डेटा में रिकॉर्ड 5 बिलियन डॉलर का संशोधन किया और इसमें इतनी कटौती की. नवंबर में सोने का इंपोर्ट डेटा 14.86 बिलियन डॉलर से घटाकर 9.84 बिलियन डॉलर पर आ गया जिसके बाद देश का व्यापार घाटा 37.84 बिलियन डॉलर से घटकर 32.84 बिलियन डॉलर पर आ गया.
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद अलग असर की आशंका
20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण के बाद अगले कुछ महीनों तक भारत के व्यापार घाटे को लेकर नजरें बनाएं रखनी होंगी. डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी स्त्रोत से आने वाले टैरिफ, ड्यूटी और सभी तरह के रेवेन्यू के लिए एक 'एक्सटर्नल रेवेन्यू सर्विस' नाम से विभाग बनाने का ऐलान किया है. इस विभाग पर इसलिए नजरें रखनी होंगी क्योंकि ट्रंप ने BRICS राष्ट्रों पर 100 परसेंट टैरिफ बढ़ोतरी की चेतावनी दी है, अगर वो अमेरिकी डॉलर के लिए मुकाबला पैदा करते हैं या उसके लिए प्रतिस्पर्धी बनते हैं तो.. BRICS राष्ट्रों में भारत और चीन भी शामिल हैं तो उन पर टैरिफ हाईक की मार पड़ सकती है.
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