India Unemployment: रोजगार के मोर्चे पर हालात बेहतर, जुलाई में 8 फीसदी से कम हुई बेरोजगारी की दर
Unemployment in India: मॉनसून को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी अहम माना जाता है. अभी पूरा देश मॉनसून से कवर हो चुका है और उसके साथ ही खेती से जुड़ी गतिविधियों में तेजी आई है...
भारतीय अर्थव्यवस्था को मौसम के हिसाब से संवेदनशील माना जाता है. मॉनसून का देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर होता है. यह न सिर्फ फसलों की उपज और जीडीपी में योगदान देने वाले कृषि क्षेत्र को प्रभावित करता है, बल्कि रोजगार के मोर्चे पर भी इसका सीधा असर दिखता है. अभी जब पूरे देश को मॉनसून कवर कर चुका है, सरकार को राहत देने वाली एक बड़ी खबर मिली है.
इतनी रह गई बेरोजगारी दर
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में सेंटर फोर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (Centre for Monitoring Indian Economy) यानी सीएमआईई (CMIE) के हवाले से कहा गया है कि जुलाई महीने में भारत में बेरोजगारी दर कम होकर 8 फीसदी से भी नीचे आ गई. रिपोर्ट के अनुसार, जून महीने में बेरोजगारी की दर 8.45 फीसदी रही थी, जो कम होकर जुलाई में 7.95 फीसदी पर आ गई.
इस कारण अहम है मॉनसून
जुलाई महीने के दौरान बेरोजगारी दर में आई इस कमी का श्रेय मॉनसून को दिया जा रहा है. अभी मॉनसून पूरे देश को कवर कर चुका है और उसके साथ ही पूरे देश में कृषि से जुड़ी गतिविधियां तेज हो गई हैं. मॉनसून का महत्व इस कारण बढ़ जाता है, क्योंकि देश में खेती योग्य आधी से ज्यादा जमीनें सिंचाई के लिए मॉनसून पर सीधे तौर पर निर्भर है.
मॉनसून से डबल फायदा
मौसम विभाग के अनुसार, इस साल अब तक मॉनसून के सीजन में सामान्य से 4 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. इसने बंपर फसल की उम्मीदें बढ़ा दी है. इस तरह से देखें तो मॉनसून इस बार अर्थव्यवस्था के लिए डबल फायदे लेकर आया है. पहले तो उसके चलते सीजनल काम के मौके पैदा हुए, जिससे बेरोजगारी में कमी आई. वहीं बंपर फसल होने से न सिर्फ देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि महंगाई पर पर भी लगाम लगेगी और जीडीपी में कृषि का योगदान बेहतर होगा.
इतनी कम हुई है बेरोजगारी
सीएमआईई के मैनेजिंग डाइरेक्टर महेश व्यास के हवाले से ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर बारिश से कृषि के कामों में तेजी आई है. यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-कृषि कार्यों के लिए लेबर डिमांड में कमी आई है. इससे उस ग्रामीण श्रम में कमी आई है, जिसे रोजगार की तलाश है, जिसने अंतत: जुलाई महीने में देश में बेरोजगारी की दर को कम करने में मदद की है. आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की तलाश करने वालों की संख्या में 50 लाख की कमी आई है.
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