WPI inflation: थोक मुद्रास्फीति में इस बार बढ़त देखी गई है और ये पिछले महीने यानी सितंबर में बढ़कर 1.84 फीसदी पर आ गई है. इससे पिछले साल के समान महीने यानी अगस्त 2023 में ये 1.13 फीसदी पर रही थी. वहीं सितंबर 2024 में थोक महंगाई दर 0.26 परसेंट पर रही थी. खाद्य उत्पादों की महंगाई दर में बढ़त के चलते मुख्य तौर से ये महंगाई दर तेज हुई है. हालांकि ये बढ़त बाजार विशेषज्ञों और अन्य जानकारों के अनुमान से कम रही है. सितंबर में थोक महंगाई दर 1.90 फीसदी पर आने का अनुमान था.


खाने-पीने के सामान की महंगाई कितनी बढ़ी


खाने-पीने के सामान की महंगाई दर खास तौर से बढ़ी है और 9 फीसदी के पार निकल गई है. इस साल सितंबर में थोक खाद्य महंगाई दर बढ़कर 9.47 फीसदी पर आ गई है. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि खाने-पीने (खाद्य) की कीमतें जो रिटेल और थोक महंगाई दर दोनों में बड़ा वेटेज रखती हैं, वो सितंबर के महीने में खासी बढ़ोतरी दिखा चुकी हैं. अगस्त में जो थोक खाद्य महंगाई दर 3.26 फीसदी थी वो बढ़कर सितंबर में 9.47 फीसदी हो गईं हैं.


सितंबर में घटी फ्यूल एंड पावर सेगमेंट की थोक महंगाई दर


सितंबर में फ्यूल एंड पावर की कीमतों में गिरावट आई और पिछले महीने में 0.67 फीसदी की तुलना में -4.05 फीसदी पर आ गई जो बड़ा आंकड़ा है. इसके पीछे कारण है कि अच्छे मानसून के चलते देश के ज्यादातर इलाकों में बारिश हुई और मौसम सुहावना रहा जिसके चलते बिजली और ईंधन दोनों की डिमांड कम रही. इस डिमांड के कम होने का असर थोक फ्यूल एंड पावर सेगमेंट की दरों पर देखा गया और ये नीचे आई हैं.


इन वस्तुओं के आधार पर तय होती है महंगाई दर


खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों, मैन्यूफैक्चरिंग, मोटर व्हीकल, ट्रेलर्स और हाफ-ट्रेलर्स के कंस्ट्रक्शन, मशीनरी और इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरिंग आदि की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते देखी गई है. महंगाई का होलसेल इंडेक्स संख्या और महंगाई दर के सभी वस्तुओं और WPI घटकों के आधार पर थोक महंगाई दर में इजाफा देखा गया है.


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