नई दिल्लीः भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक जगत से अच्छी खबर है. वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने ये अनुमान लगाया है कि अगले पांच साल में भारत विकास दर के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा. फिच ने कहा है कि भारत सबसे तेजी से विकास करने वाला देश बन जाएगा. चीन की विकास की रफ्तार जहां 5.5 फीसदी रहेगी वहीं भारत की विकास दर 6.7 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया है.


नोमुरा और वर्ल्ड बैंक ने जताया था भरोसा
विदेशी आर्थिक संस्थान लगातार भारत की इकोनॉमी को लेकर अपना भरोसा जता रहे हैं. 7 अक्टूबर को ही नोमुरा ने भारत पर एक रिपोर्ट निकाली थी जिसके मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे पुनरूद्धार और सुधार की उम्मीद है. नोमुरा ने इस वित्त वर्ष में औसत ग्रॉस वैल्यू एडीशन (जीवीए) वृद्धि 6.7 फीसदी रहने का अनुमान दिया था जो पिछले वित्त वर्ष के 6.6 फीसदी से ज्यादा है. आपको बता दें कि विश्व बैंक ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर पॉजिटिव बातें कही थीं.


वर्ल्ड बैंक ने बताया था गिरावट को अस्थाई
वर्ल्ड बैंक ने भी 5 अक्टूबर को भारत की आर्थिक वृद्धि में हाल में आई गिरावट को अस्थायी बताते हुए कहा था कि यह मुख्य रूप से जीएसटी के लिए तैयारियों में फौरी बाधाओं के वजह से हुई. विश्व बैंक ने भरोसा जताया है कि भारत की विकास दर में गिरावट आने वाले महीनों में सुधर जाएगी. विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने यह भी कहा कि जीएसटी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा पॉजिटिव असर होने जा रहा है.


आरबीआई ने भी दिया था विकास दर में बढ़त का संकेत
तो इस तरह कहा जा सकता है कि भारतीय इकोनॉमी के पिछले साल के 6.6 फीसदी से ऊपर ही रहने की उम्मीद है. 6 दिसंबर को जारी आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी में भी मौद्रिक नीति समिति ने चालू कारोबारी साल यानी 2017-18 के लिए 6.7 फीसदी के विकास दर के अनुमान को बरकरार रखा है. साथ ही ये संकेत भी दिए हैं कि आगे विकास दर में और बढ़ोतरी हो सकती है.


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