Indian Economy by 2027: जर्मनी-जापान से जल्द आगे निकलेगा भारत, RBI के डिप्टी गवर्नर ने बताया-कब हासिल होगा 5 ट्रिलियन का मुकाम!
RBI on Indian Economy: भारत अभी करीब 3.50 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. ऐसा अनुमान है कि भारत जल्द तीसरे स्थान पर पहुंच सकता है...
पांच ट्रिलियन डॉलर... इकोनॉमी के मामले में यह एक ऐसा माइलस्टोन है, जिसे अब तक गिने-चुने देशों ने ही हासिल किया है. हाल-फिलहाल में इस टर्म की बार-बार चर्चा हो रही है, जिसका कारण है कि अब भारत भी इस मुकाम को हासिल करने के बहुत करीब पहुंच गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई उद्योगपति और देश-विदेश की एजेंसियां हालिया दिनों में इसकी चर्चा कर चुके हैं. अब रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर ने बताया है कि आखिर कब तक भारत को यह मुकाम हासिल होने वाला है.
आरबीआई के डीजी ने कही ये बात
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल डी पात्रा का कहना है कि बाजार की विनिमय दरों के आधार पर भारत जल्द 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा. उन्होंने भरोसा जाहिर किया है कि भारत यह उपलब्धि 2027 तक पा लेगा और 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के प्रतिष्ठित क्लब में एंट्री लेने के साथ-साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की मौजूदा स्थिति
अभी अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसका साइज 25 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है. चीन करीब 18 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. तीसरे और चौथे नंबर पर क्रमश: जापान और जर्मनी का नंबर है. दोनों देशों की अर्थव्यवस्था का आकार 4-4 ट्रिलियन डॉलर से कुछ ज्यादा है. वहीं भारत की जीडीपी का साइज अभी करीब 3.5 ट्रिलियन डॉलर है.
सबसे तेज है भारत की आर्थिक वृद्धि
भारत फिलहाल दुनिया की सबसे तेज गति से तरक्की करने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है. जब दुनिया के ऊपर आर्थिक मंदी का खतरा मंडरा रहा है, भारत की आर्थिक वृद्धि दर दहाई अंकों के करीब है. जून तिमाही में भारत की आधिकारिक आर्थिक वृद्धि दर 7.8 फीसदी रही. आने वाली तिमाहियों में भी भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा. दूसरी ओर जर्मनी मंदी की चपेट में है और जापान की आर्थिक वृद्धि दर बेहद मामूली है. ऐसे में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर की बात गलत भी नहीं लगती है.
अभी इस हिसाब से तीसरे नंबर पर भारत
पात्रा इस सप्ताह की शुरुआत में नेशनल बैंक ऑफ कंबोडिया द्वारा आयोजित 16th SEACEN-BIS High-Level Seminar को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा- ऐसा माना जा रहा है कि अगले दो दशक के लिए ग्लोबल इकोनॉमी का केंद्र पूरब की ओर शिफ्ट होगा. भारत अभी बाजार की विनिमय दर के आधार पर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी और पर्चेजिंग पावर पैरिटी के आधार पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. हमारा आकलन है कि 2027 तक भारत बाजार की विनिमय दर के आधार पर भी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और जीडीपी का साइज 5 ट्रिलियन डॉलर के पार निकल जाएगा.
इन कारणों से हासिल होगा लक्ष्य
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर ने इसके पीछे का कारण भी बताया. उन्होंने कहा कि भारत अभी 1.4 अरब की आबादी के साथ दुनिया की सबसे ज्यादा वाली आबादी वाला देश है. भारत की आबादी 28 साल की औसत उम्र के साथ सबसे युवा है. फर्टिलिटी और मोर्टलिटी रेट के हिसाब से भारत को कम से कम 2040 तक उस डेमोग्रेफिक डिविडेंड का लाभ मिलता रहेगा, जिसकी शुरुआत 2018 से हुई है. दूसरा प्रमुख कारण फाइनेंशियल सेक्टर में भारत की शानदार प्रगति है.
इन्होंने भी जाहिर किया है भरोसा
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर इस तरह का भरोसा जाहिर करने वाले पहले या अकेले इंसान नहीं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने ब्रिक्स समिट के दौरान कहा था कि भारत जल्द 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनेगा और ग्लोबल ग्रोथ के इंजन का काम करेगा. भारती एयरटेल समूह के सुनील मित्तल ने हाल ही में कहा था कि भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा. वहीं केवी कामथ का तो मानना है कि भारत 5-ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को अगले डेढ़ साल में हासिल कर सकता है.
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