Moody's On Adani Group: ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि घरेलू बैंकों का अडानी समूह को दिए जाने वाले कर्ज का एक्सपोजर बढ़ता है तो इससे बैंकों के लिए जोखिम बढ़ने का खतरा है. मूडीज ने कहा कि मौजूदा समय में भारतीय बैंकों का अडानी समूह को दिए कर्ज का एक्पोजर  बहुत ज्यादा नहीं है जिससे उनके एसेट क्वालिटी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. लेकिन अडानी समूह की कर्ज पर निर्भरता बढ़ी तो इससे जोखिम बढ़ सकता है. 


रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी समूह को लेकर जोखिम का खतरा बढ़ा है जिससे इंटरनेशनल मार्केट से कर्ज लेने में दिक्कत आ सकती है. ऐसे में भारतीय बैंक समूह के लिए फंडिंग का मुख्य जरिया बन सकते हैं. ऐसे में समूह को दिए जाने वाले भारी भरकम कर्ज से बैंकों का जोखिम बढ़ सकता है. मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अडानी समूह पर कर्ज का बोझ बहुत ज्यादा है. 


मूडीज ने कहा कि फिलहाल अडानी समूह को बैंकों ने जो कर्ज दिया है वो उनके कुल लोन बुक का एक फीसदी से भी कम है. मूडीज के मुताबिक अगर एक्सपोजर बढ़ता भी है तो भारतीय बैंकों के कॉरपोरेट लोन का क्वालिटी स्थिर रहेगा. हाल के दिनों में कॉरपोरेट्स ने कर्ज घटाया है. कॉरपोरेट्स के लोन बुक्स के मुताबिक कर्ज का बोझ घटा है. 


दरअसल अमेरिका बेस्ड शार्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के अडानी समूह को लेकर जारी किए गए रिसर्च रिपोर्ट के बाद से ही समूह की मुश्किलें बढ़ी हुई है. हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर शेयरों के भाव को प्रभावित करने और टैक्स हेवेन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. तब से ही समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है. समूह को अडानी इंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये का एफपीओ भी वापस लेना पड़ा था क्योंकि एफपीओ का प्राइस बैंड से नीचे शेयर का भाव नीचे जा लुढ़का था.  


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