Indian Beauty Products Queen: भारत में महिलाएं हमेशा से सजने-संवरने की शौकीन रही हैं और इसका फायदा ब्यूटी सैलून से लेकर बड़े ब्रांड्स भी उठाते हैं. भारत में महिलाएं सौंदर्य उद्योग या ब्यूटी इंडस्ट्री की सबसे बड़ी ग्राहक के तौर पर काफी आगे रहती हैं. जहां एक तरफ ब्यूटी प्रोडक्ट्स में नए तरीकों और रुझानों का ट्रेंड चलता रहता है, वहीं दूसरी तरफ ये उद्योग लगातार नई चुनौतियों का सामना करता रहता है. कई बिजनेस वुमेन ने हेयर केयर और नेल पेंट, सैलून, स्पा और बेसिक ब्यूटी कॉस्मेटिक ब्रांड्स को लेकर अपना बिजनेस शुरू किया और अब देश की जीडीपी में भी योगदान दे रही हैं. यहां हम कुछ महिला आंत्रप्रेन्योर या बिजनेस वुमेन के बारे में जानेंगे जिन्होंने भारत के ब्यूटी प्रोडक्ट्स और कॉस्मेटिक ब्रांड्स के क्षेत्र में अपनी धाक जमा रखी है-




मीरा कुलकर्णी, फॉरेस्ट इसेंशियल्स की फाउंडर 


आप छुट्टियों में आराम करने में सुकून महसूस करते हैं तो ताज और हयात जैसे शानदार होटल में स्पा सेवाओं के जरिए लग्जरी सेवा आपको आराम दिलाती है. ये स्पा आपको फॉरेस्ट इसेंशियल्स की बदौलत मिलती है. फॉरेस्ट इसेंशियल्स की फाउंडर मीरा कुलकर्णी के पास देश भर में स्पा नेटवर्क हैं. इन्हें 2022 में 1290 करोड़ रुपये की कुल नेटवर्थ के साथ भारत की सबसे अमीर महिलाओं में से एक के रूप में जाना गया. मीरा कुलकर्णी ने कोटक वेल्थ हुरुन-लीडिंग वेल्थी वुमेन 2020 अवॉर्ड हासिल किया था. फॉरेस्ट इसेंशियल्स के जरिए मीरा कुलकर्णी आयुर्वेद उत्पादों और सेवाओं को आगे बढ़ा रही हैं. 


मीरा कुलकर्णी ने अपना कारोबारी सफर सिर्फ 2 लाख रुपये और दो कर्मचारियों के साथ शुरू किया, लेकिन अब भारत और विदेशों में 130 से ज्यादा आउटलेट्स तक फैल गया है. ये लगभग 150 स्पा सेंटर को सफलतापूर्वक चला रही हैं. (मार्च 2024 तक के डेटा के मुताबिक)  वहीं करीब 1300 कर्मचारी इस समय फॉरेस्ट इसेंशियल्स के लिए काम करते हैं. एक इंटरव्यू में मीरा कुलकर्णी ने बताया कि उनकी इस कंपनी के ऊपर कोई कर्ज भी नहीं है और ये 1 बिलियन डॉलर वाली कंपनी का तमगा हासिल कर चुकी है.




फाल्गुनी नायर, संस्थापक - नायका


नायका की फाउंडर और CEO फाल्गुनी नायर ने कोटक महिंद्रा बैंक में मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में अपना पद छोड़कर 2012 में ब्यूटी स्टार्टअप नायका (Nykaa) की शुरुआत की. इन्होंने शुरुआती चुनौतियों के बावजूद जुलाई 2022 में अपने नायका ब्रांड के दम पर देश की सबसे अमीर सेल्फ मेड वुमन का तमगा हासिल किया. उस साल में इनकी संपत्ति में 963 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया. खुद के दम पर अमीर बनने वाली महिलाओं की ग्लोबल लिस्ट में फाल्गुनी नायर का 10वां स्थान रहा. ये फोर्ब्स इंडिया की सेल्फ मेड महिला अरबपतियों की सूची में भी शामिल रही हैं. 


फाल्गुनी नायर ने कोटक महिंद्रा बैंक में करीब 18 साल तक काम किया जिसमें वो कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर थीं. फाल्गुनी कोटक सिक्योरिटीज में डायरेक्टर भी रहीं हैं. 2012 में उन्होंने खुद का बिजनेस करने का फैसला लिया और उन्होंने नायका कंपनी शुरू की. फाल्गुनी ने IIM अहमदाबाद से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. इनकी कंपनी नायका का आईपीओ साल 2021 में आया और आज नायका का शेयर आज गिरावट के लाल निशान में है लेकिन इसका मार्केट कैप 61.50करोड़ रुपये पर आ चुका है.




गज़ल अलघ, मामाअर्थ की प्रमोटर 


मामाअर्थ की प्रमोटर गजल अलघ ने शार्क टैंक इंडिया में बतौर जज हिस्सा लिया था. सोनी टीवी के स्टार्टअप से जुड़े शो के बाद गजल अलघ ज्यादा पॉपुलर हुई. हरुन रिच लिस्ट के मुताबिक मामाअर्थ की प्रमोटर गज़ल अलघ और उनके पति वरुण अलघ का गुरुग्राम के अमीरों की लिस्ट में तीसरा स्थान है. गज़ल ने X पर अपने बायो (पूर्व में ट्विटर) में कई बातें बताई हैं जैसे गज़ल अलघ मामाअर्थ की को-फाउंडर हैं. इसके साथ ही ये द डर्मा कंपनी, ऐक्वालॉजिका और bbluntindia की भी सह-संस्थापक हैं. उनको Fortune और Forbes की लिस्ट में सबसे पावरफुल बिजनेस वुमेन का सम्मान भी हासिल है. इसी साल मामाअर्थ (Mamaearth ) की पैरेंट कंपनी Honasa Consumer आईपीओ लेकर आई थी जिसकी लिस्टिंग सेरेमनी में गज़ल अलघ के साथ मशहूर एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी ने भी हिस्सा लिया था. 




विनीता सिंह, शुगर कॉस्मेटिक्स को-फाउंडर


विनीता सिंह ने शुगर कॉस्मेटिक्स की को-फाउंडर के तौर पर 2005 में शुरुआत की थी. शुरुआती कारोबारी चैलेंज के बावजूद विनीता सिंह ने 2012 में अपना ई-कॉमर्स वेंचर शुरू किया. शुरुआत में एक्सपीरिएंस की कमी के चलते इन्हें फेलियर का सामना करना पड़ा लेकिन विनीता ने मामूली इनकम पर खुद को कायम रखा. आखिरकार इनकी मेहनत रंग लाई और आज शुगर कॉस्मेटिक्स एक ऐसा भारतीय कॉस्मेटिक ब्रांड है जिसकी विशाल रेंज में मेकअप प्रोडक्ट्स का खजाना है. 


साल 2015 में शुगर कॉस्मेटिक्स एक बड़ा ब्रांड बन गया. IIT मद्रास और IIM अहमदाबाद से ग्रेजुएट विनीता ने अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए एक बैंक फर्म में ऊंची सैलरी वाली नौकरी को ठुकराकर अपना रास्ता बनाया. इनकी कंपनी शुगर कॉस्मेटिक के ब्रांड में फाउंडेशन स्टिक और लंबे समय तक चलने वाली लिपस्टिक ज्यादा पॉपुलर हैं. 




प्रशांति गुरुगुबेली, Daughter Earth की फाउंडर


डॉटर अर्थ की संस्थापक प्रशांति ने इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए करने के बाद आंत्रप्रेन्योरशिप की राह चुनी. प्रशांति ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) वारंगल से भी एजूकेशन हासिल की हैं. बिजनेस स्ट्रैटेजी के बैकग्राउंड के साथ फॉर्च्यून 500 कंपनियों की एडवाइजर होने के एक्सपीरिएंस के साथ प्रशांति ने स्किन केयर और एडवांस्ड बायोटेक फील्ड में काम किया हुआ है. प्रशांति ने डॉटर अर्थ को अल्ट्रामॉडर्न टेक्नीक और आयुर्वेदिक ज्ञान के संयोजन के रूप में सामने रखा है. 




रूबीना कराचीवाला, फाउंडर रूबी ऑर्गेनिक


रूबी ऑर्गेनिक्स एक ऑर्गेनिक ब्रांड है जो इंडियन स्किन टोन और टेक्सचर के लिए क्लीन और ग्रीन मेकअप प्रोडक्ट्स देने के लक्ष्य से शुरू हुआ था. इसकी फाउंडर रूबीना कराचीवाला ने ब्रांड को स्टैबलिश करने में अपना समय और ऊर्जा लगाने के लिए अपना सफल करियर छोड़ दिया था. उनको एक रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) कंपनी की मदद से ब्यूटी प्रोडक्ट्स को डेवलप करने में दो साल लगे. 


उन्होंने मजेदार और आकर्षक सौंदर्यशास्त्र को चुनते हुए सीमित संसाधनों के बावजूद डिज़ाइन और पैकेजिंग पर अपनी सबसे अच्छी दोस्त, संजना कोठारी के साथ सहयोग लिया. आज के समय में रूबी ऑर्गेनिक्स औरतों के मेकअप के उपयोग के लिए ऑर्गेनिक ब्यूटी आंदोलन में सबसे आगे है.


ब्यूटी एंड कॉस्मेटिक ब्रांड Lakme के बारे में कितना जानते हैं आप?


लेक्मे एक भारतीय कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स ब्रांड है जो अब हिंदुस्तान यूनीलिवर लिमिटेड (HUL) के पास है. लैक्मे नाम फ्रांसीसी ओपेरा लक्मे के नाम पर रखा गया था जिसका हिंदी अर्थ देवी लक्ष्मी है जो अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं. लेक्मे की शुरुआत साल 1952 में टाटा ऑयल मिल्स की 100 फीसदी सब्सिडियरी कंपनी के रूप में की गई थी. उस समय भारतीय महिलाएं विदेशी कॉस्मेटिक्स पर कीमती रकम खर्च कर रही थीं और सिमोन टाटा इसको लेकर चिंतित थीं. उन्होंने जेआरडी टाटा को भारत में ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी के निर्माण के लिए राजी किया था. टाटा ने भारत सरकार से भी सहयोग लिया और सिमोन टाटा कंपनी में डायरेक्टर के रूप में शामिल हुईं और चेयरपर्सन बनीं. टाटा ने 1998 में लैक्मे में अपनी हिस्सेदारी हिंदुस्तान यूनिलीवर को 200 करोड़ रुपये में बेच दी थी. 


भारतीय ब्यूटी इंडस्ट्री के लिए सच्ची तस्वीर क्या निकलती है?


भारतीय बिजनेस वुमेन के ब्यूटी इंडस्ट्री में आगे बढ़ने से महिलाओं को आंत्रप्रेन्योर बनने से लेकर इनोवेशन को बढ़ावा देने का मौका मिल रहा है. ग्रैंड व्यू रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक ये ब्यूटी एंड कॉस्मेटिक इंडस्ट्री को बढ़ावा देकर भारत के समग्र विकास में भी योगदान दे रही हैं. महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ-साथ इन पावरफुलबिजनेस वुमेन के कारोबार सेदेश की जीडीपी में भी योगदान मिल रहा है जिससे भारत में डाइवर्सिटी और इनक्लूजन भी बढ़ रहा है. 


साल 2023 में ग्लोबल ब्यूटी और पर्सनल केयर उत्पादों के बाजार को 557.24 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक जाने का अनुमान लगाया गया था. इसके अलावा 2024 से 2030 तक ब्यूटी उत्पादों के बिजनेस के 7.7 फीसदी की कंपाउंड एनुएल ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़ने की उम्मीद है. लिहाजा भारत में ब्यूटी और मेकअप इंडस्ट्री के प्लेयर्स के लिए शानदार मौका है.


ये भी पढ़ें


Stock Market Update: शेयर बाजार की सधी हुई चाल, FMCG और आईटी सेक्टर के शेयर चमके