टॉप ग्लोबल टेक कंपनी एप्पल के लिए भारतीय बाजार शानदार साबित हो रहा है. भारत में आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल को मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने का जबरदस्त फायदा हो रहा है. देखते-देखते भारत में उसका बिजनेस इतना बड़ा हो चुका है कि दशकों पुरानी कई दिग्गज भारतीय कंपनियों की पूरी वैल्यू उसके सामने छोटी पड़ गई है.


पिछले वित्त वर्ष में ही पार हुआ आंकड़ा


ईटी की एक रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि भारत में एप्पल का बिजनेस 2 लाख करोड़ रुपये के पार निकल चुका है. वित्त वर्ष 2023-24 में एप्पल का बिजनेस 2 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया. पिछले महीने बजट से पहले पेश आर्थिक समीक्षा में भी बताया गया था कि एप्पल का बिजनेस भारत में किसी मल्टीनेशनल कंपनी का सबसे विशाल इकोसिस्टम का रूप ले चुका है.


घरेलू बिक्री से डबल हो रहा निर्यात


पिछले वित्त वर्ष के दौरान एप्पल ने भारत से 1.35 लाख करोड़ रुपये की वैल्यू के बराबर आईफोन का निर्यात किया. यह पिछले वित्त वर्ष में किसी एक ब्रांड के द्वारा किया गया सबसे ज्यादा निर्यात है. वहीं घरेलू बाजार में एप्पल की बिक्री 68 हजार करोड़ रुपये की रही. इस तरह घरेलू बिक्री और निर्यात का आंकड़ा मिलाकर 2.03 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया.


50 सालों में नहीं हुआ ऐसा काम


भारत में एप्पल का बिजनेस वैसे तो कई सालों से है, लेकिन उसे उल्लेखनीय गति बीते दो-चार सालों में मिली है, जब कंपनी ने अपने मैन्युफैक्चरिंग बेस को चीन से शिफ्ट करने की रणनीति अपनाई. आईफोन समेत अन्य डिवाइस की मैन्युफैक्चरिंग भारत में शुरू करने के बाद एप्पल के बिजनेस में जो तेजी आई है, उसे अधिकारी पिछले 50 सालों में भारत में किसी कंपनी का सबसे शानदार प्रदर्शन बता रहे हैं. उनका कहना है कि बीते 50 सालों में भारतीय बाजार में किसी अन्य कंपनी के प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट में ऐसी ग्रोथ नहीं देखी गई.


इस तरह तेज हुआ भारत में बिजनेस


एप्पल ने भारत में विनिर्माण को लेकर सबसे पहले 2016 में सरकार के साथ चर्चा शुरू की थी. उसके बाद 2019 में सरकार ने एप्पल के अलावा सैमसंग समेत कई विदेशी व घरेलू कंपनियों के साथ चर्चा की थी. सरकार ने 2020 में पहली बार स्मार्टफोन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिंव स्कीम की शुरुआत की थी. एप्पल स्मार्टफोन के लिए पीएलआई स्कीम का फायदा उठाने वाली सबसे प्रमुख कंपनी बनकर उभरी है.


इन दिग्गज कंपनियों की वैल्यू भी कम


बीते 4 सालों में एप्पल का भारतीय बिजनेस किस कदर बढ़ा है, उसका अंदाजा कई दशकों पुरानी दिग्गज भारतीय कंपनियों की पूरी वैल्यू के साथ तुलना कर लगाया जा सकता है. उदाहरण के लिए नवरत्न सरकारी कंपनी गेल का मार्केट कैप अभी डेढ़ लाख करोड़ रुपये से कुछ ज्यादा है. टाटा समूह की टाटा स्टील की वैल्यू 1.87 लाख करोड़ रुपये है. दिग्गज मेटल व माइनिंग कंपनी वेदांता का बाजार पूंजीकरण 1.67 लाख करोड़ रुपये है. कंपनीज मार्केट कैप के आंकड़ों के अनुसार, भारत में अभी सिर्फ 46 ऐसी कंपनियां हैं, जिनका बाजार पूंजीकरण 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है.


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