Consumer Durables Market: भारत का कंज्यूमर ड्यूरेबल मार्केट तेजी से विकास करता जा रहा है. इसके वित्त वर्ष 2030 तक 5 लाख करोड़ का आंकड़ा छूने की पूरी उम्मीद है. साथ ही भारत साल 2037 तक दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कंज्यूमर ड्यूरेबल मार्केट भी बन जाएगा. भारतीय प्रोडक्ट्स अब क्वालिटी के मामले में ग्लोबल स्टैंडर्ड को टक्कर दे रहे हैं. कस्टमर्स का भरोसा उन पर मजबूत हुआ है. इस सेक्टर में करीब 8.5 लाख नौकरियां पैदा करने की क्षमता है. 


कस्टमर की डिमांड को समझते हुए प्रोडक्ट बनाने होंगे


उद्योग की संस्था सीआईआई (CII) ने सोमवार को कहा कि हमें इस सेक्टर को बढ़ावा देना चाहिए. कस्टमर की डिमांड को समझते हुए प्रोडक्ट बनाने होंगे. सीआईआई की नेशनल कमेटी ऑन कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड ड्यूरेबल्स के चेयरमैन बी त्यागराजन (B Thiagarajan) ने कहा कि हमें एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए ग्लोबल स्टैंडर्ड का ध्यान रखना होगा. अपने प्रोडक्ट हमें ग्लोबल कंज्यूमर की डिमांड को देखते हुए बनाने होंगे. ऐसा करके हम इस सेक्टर को तेजी से आगे ले जा सकते हैं. वह कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड ड्यूरेबल्स समिट 2024 को संबोधित कर रहे थे. 


प्रोडक्ट के साथ उनके पार्ट्स भी बनाने पर ध्यान देना होगा


बी त्यागराजन ब्लू स्टार इंडिया (Blue Star) के चेयरमैन एवं एमडी भी हैं. उन्होंने कहा कि अगला दशक भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हमें अपने सेक्टर में वैल्यू चेन खड़ी करनी होगी. इसके जरिए हम ज्यादा से ज्यादा अवसरों का लाभ उठा सकेंगे. हमें प्रोडक्ट के साथ ही उनके पार्ट्स भी बनाने पर ध्यान देना होगा. भारत ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बनने की तरफ बढ़ रहा है. हमें इस यात्रा में भागीदार बनना होगा. भारत का खुद का कंज्यूमर ड्यूरेबल्स मार्केट बहुत विशाल है. सरकार भी देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए पूरा सहयोग कर रही है. 


जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग का हिस्सा 25 फीसदी करने का लक्ष्य 


उन्होंने कहा कि भारत ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग में बड़ा खिलाड़ी बनने जा रहा है. साथ ही देश की जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग का हिस्सा 25 फीसदी करने का लक्ष्य भी हम जल्द ही हासिल कर लेंगे. इससे करीब 500 अरब डॉलर का एफडीआई और 8.5 लाख नौकरियां पैदा हो सकती हैं. भारत का एसी सेक्टर 2040 तक दुनिया में सबसे बड़ा हो जाएगा. बी त्यागराजन ने सेक्टर में रिसर्च को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया.


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