कोविड-19 की वजह से कॉरपोरेट सेक्टर की हायरिंग काफी धीमी हो गई है. बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां गई हैं और वेतन में कटौती हुई है. लेकिन इस बीच, भर्तियों की रफ्तार को लेकर थोड़ी उम्मीद जगी है. कंपनियां धीरे-धीरे भर्तियां बढ़ा रही हैं. इस वजह से जुलाई-सितंबर की तुलना में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भर्तियों का परिदृश्य बढ़िया हो सकता है.


मैन्यूफैक्चरिंग, माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, सर्विसेज, होलसेल और रिटेल ट्रेड सेक्टर में स्थिति बेहद खराब


मैनपॉवर एंप्लॉयमेंट के हालिया सर्वे के मुताबिक मैन्यूफैक्चरिंग, माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, सर्विसेज, होलसेल और रिटेल ट्रेड सेक्टर में स्थिति बेहद खराब है. यह सर्वे शुरू होने के 15 साल का सबसे खराब आंकड़ा है. सिर्फ, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और एजुकेशन, फाइनेंस, इंश्योरेंस, रियल एस्टेट, ट्रांसपोर्टेशन और यूटिलिटीज में बढ़त दिख रही है. सर्वे के मुताबिक कंपनियों ने हायरिंग की इच्छा जताई है लेकिन सर्वे में शामिल सिर्फ 7 फीसदी ही भर्तियां करेंगीं. जुलाई-सितंबर में सिर्फ दो फीसदी कंपनियों ने कहा था कि वे भर्तियां कर रही हैं.


तीन फीसदी कंपनियां घटाएंगीं कर्मचारियों की संख्या 


पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर में 20 फीसदी कंपनियां भर्तियां कर रही थीं. इस बार के सर्वे मे सिर्फ तीन फीसदी कंपनियों ने कहा कि वे कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने जा रही हैं. 54 फीसदी ने कहा कि वे वेतन में कोई तब्दीली नहीं कर रही हैं जबकि 36 फीसदी का कहना था कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में वे अपनी योजनाओं के बारे में पक्के तौर पर कुछ नहीं कह सकतीं. सर्वे में 524 कंपनियों से यह पूछा गया था कि वे भर्तियों के मामले में प्री-कोविड के लेवल पर कब पाएंगीं. इनमें से सिर्फ 17 फीसदी ने कहा था कि वे भर्तियों के मामले में प्री-कोविड लेवल पर आएंगे.


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