Diesel Import from India: यूरोप डीजल के लिए भारत पर और ज्यादा निर्भर होता जा रहा है. यूरोप ने लगभग एक साल पहले रूस से कच्चा तेल खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके चलते उन्हें डीजल की किल्लत का सामना करना पड़ रह है. इसलिए घरेलू जरूरतों को पूरा करने के यूरोप ने भारत का रुख किया है. इंडिया से यूरोप के लिए डीजल निर्यात 3 लाख बैरल प्रति दिन के पार पहुंच गया है. आगे इसके और बढ़ने की संभावना है.  


रूसी कच्चे तेल का बड़ा खरीदार है भारत 


भारत रूसी कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदारों में से एक है. यूरोप भारत से डीजल मंगा रहा है. इस तरह से भारत के रास्ते रूसी डीजल यूरोप के देशों में पहुंच रहा है. हालांकि, कोई भी यह दावा खुलकर करने को तैयार नहीं है कि यूरोप में रूसी डीजल पहुंच रहा है. क्योंकि, भारत कई अन्य देशों से भी कच्चा तेल खरीदता है. इसके बाद हमारी रिफायनरीज इसे डीजल में तब्दील कर देती हैं. रिफायनरीज के बढ़ते प्रोडक्शन से देश को डीजल निर्यात बढ़ने में मदद मिली है. 


नायरा-रिलायंस को फायदा 


रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई स्थित नायरा एनर्जी लिमिटेड ने पिछले साल रूस से हुए कुल कच्चा तेल आयात का लगभग 60 फीसद हिस्सा खरीदा. यह कंपनी यूरोप में भी डीजल भेज रही है. इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड भी इंडियन डीजल का यूरोप में टॉप सप्लायर है. रिलायंस भी अपनी जरूरतों का एक तिहाई हिस्सा रूस से ही खरीदता है. 


युक्रेन और रूस की जंग ने यूरोप को संकट में डाला 


युक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग ने ऑइल ट्रेडिंग पर बहुत बुरा असर डाला है. रूस का डीजल यूरोप की लाइफलाइन था. यूरोप में सबसे ज्यादा डीजल रूस से ही आता था. मगर, प्रतिबंध के बाद यूरोप में उद्योग और ट्रांसपोर्ट सेक्टर डीजल की कमी से जूझ रहा है. इसके चलते यूरोप ने भारत समेत कई जगह से डीजल आयत के विकल्प तलाशे. भारत के अलावा अमरीका, तुर्की और सऊदी अरब से भी तेल यूरोप जा रहा है. यूरोप से खत्म हुई डिमांड के चलते भारतीय रिफायनरीज को डिस्काउंट पर रूसी कच्चा तेल मिल जा रहा है. भारत लगभग 1.8 मिलियन बैरल कच्चा तेल प्रति दिन रूस से खरीद रहा है.


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