Indian Economy: अगले वित्त वर्ष में 7.8 फीसदी की दर से ग्रोथ करेगी इंडियन इकोनॉमी, क्रिसिल ने जारी की रिपोर्ट
Economic Growth: रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि अगले फाइनेंशियल ईयर में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economic Growth) की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहेगी.
Indian Growth Rate: रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने बृहस्पतिवार को कहा कि बुनियादी ढांचा खर्च पर सरकार के जोर और निजी पूंजीगत व्यय बढ़ने से 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economic Growth) की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहेगी. रेटिंग एजेंसी (Crisil ratings) ने हालांकि आगाह किया कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध और जिंसों की बढ़ती कीमतों की वजह से वृद्धि के नीचे जाने का जोखिम बन सकता है.
8.9 फीसदी रह सकता है ग्रोथ रेट
आपको बता दें 31 मार्च को समाप्त होने जा रहे चालू वित्त वर्ष में देश का ग्रोथ रेट 8.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. क्रिसिल ने कहा, ‘‘कोविड-19 की तीसरी और हल्की लहर के जल्द समाप्त होने का जो भी लाभ मिल सकता है वह यूक्रेन पर रूस के हमले से उत्पन्न होने वाले भू-राजनीतिक तनाव से कम हो जाएगा। इस युद्ध का वैश्विक वृद्धि पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है जिसके कारण कच्चे तेल और जिंसों के दाम बढ़ रहे हैं.’’
कच्चे तेल के दाम 85 से 90 डॉलर
क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डी के जोशी ने ‘भारत का परिदृश्य, वित्त वर्ष 2022-23’ पेश करते हुए कहा कि प्रत्यक्ष राजकोषीय नीतिगत समर्थन कम होने के कारण निजी खपत कमजोर कड़ी बनी हुई है. उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के दाम 85 से 90 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहते हैं तो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) अगले वित्त वर्ष में 5.4 प्रतिशत पर बना रहेगा.
मुद्रास्फीति दहाई अंक में पहुंची
जोशी ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि जब वित्त वर्ष 2011-12 और 2013-14 के बीच कच्चे तेल की कीमत औसतन 110 डॉलर प्रति बैरल थी, तब मुद्रास्फीति दहाई अंक में थी.
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