Indian Economic Growth: देश को 2025 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिये आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ाकर आठ फीसदी से अधिक करने की जरूरत है. भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार ने यह बात कही है. देशभर में फैली महामारी का असर इकोनॉमिक ग्रोथ पर भी देखने को मिल रहा है.
8 फीसदी ग्रोथ की जरूरत
उन्होंने उद्योग मंडल आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा, ‘‘अगर भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है, तो निश्चित रूप से हम 5-6 फीसदी वृद्धि से खुश नहीं हो सकते हैं हमें आठ फीसदी से अधिक वृद्धि की जरूरत है.’’
इकोनॉमी के लिए निवेश की जरूरत
कुमार ने कहा कि आठ फीसदी और उससे अधिक की वृद्धि के लिये अर्थव्यवस्था में पैमाने पर निवेश की जरूरत है. इसके साथ ही कर की कम दर की आवश्यकता है ताकि लोगों के साथ कंपनियों के हाथ में पैसा बचे. इसके अलावा निचले स्तर पर कारोबार सुगमता बढ़ाने तथा जमीन उपलब्धता आसान करने की आवश्यकता है.
पूंजी के लिए सरकार पर नहीं हो सकते निर्भर
उन्होंने कहा, ‘‘हमें विनिर्माण, कृषि और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश की जरूरत है. हम सभी पूंजी के लिये पूरी तरह से सरकार पर निर्भर नहीं हो सकते.’’ कुमार ने कहा कि सरकार ने कंपनी कर की दरों को युक्तिसंगत बनाया है और इस बारे में किसी को कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए.
GDP निवेश में सुधार नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों के बावजूद जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद)- निवेश अनुपात नहीं सुधरा है. कुमाार ने कहा कि केंद्र सरकार के स्तर पर कड़े निर्णय और ठोस सुधारों को आगे बढ़ाने की इच्छा है, लेकिन जब इसके क्रियान्वयन की बात आती है, नौकरशाही की वजह से मसले उत्पन्न होते हैं.
सुधरी है देश की रैंकिंग
उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि कारोबार सुगमता के मामले में देश की रैंकिंग सुधरी है, लेकिन जिला स्तर पर नई इकाई लगाने को लेकर मंजूरी हासिल करने में अब भी समस्या है.
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