भारत की अर्थव्यवस्था अगले कुछ सालों में अभूतपूर्व तरक्की करने वाली है. ऐसा अनुमान है कि साल 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था का साइज बढ़कर 7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. प्रमुख ग्लोबल बैंकर जेपी मॉर्गन का कहना है कि मजबूत लीडरशिप के साथ आसानी से इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है.


2030 तक हासिल हो सकता है लक्ष्य


जेपी मॉर्गन के सीईओ एवं चेयरमैन जेमी डिमॉन ने इस बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में भरोसा जाहिर किया. उन्होंने कहा कि अगर पीएम मोदी की तरह मजबूत लीडरशिप का फायदा भारत को मिलता रहे तो 2030 के दशक के अंत तक 7 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्य को हासिल करना संभव हो सकता है.


जेपी मॉर्गन के सीईओ का स्टेटमेंट


उन्होंने पीएम मोदी के द्वारा तैयार की गई डिजिटल व फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की सराहना की. जेपी मॉर्गन के सीईओ ने कहा कि बुनियादी संरचना तैयार होने से एडवांस्ड प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग करने वाली व सर्विस प्रोवाइड करने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत की ओर आकर्षित हो रही हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा- हम यहां भारत में सबसे बड़े इंटरनेशनल पेमेंट सिस्टम में से एक हैं. आप लाग ये सब जो भी कर रहे हो, वो आपको और आगे ले जाएंगे. इसे (7 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी) को हासिल किया जा सकता है. इसके लिए आपको मजबूत लीडरशिप की जरूरत है, जैसा अभी पीएम मोदी के रूप में आपके पास है.


सरकार कर रही इस तरह प्रयास


भारत सरकार ने 2030 तक देश को 7 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है. अभी भारत की जीडीपी का अनुमानित आकार करीब 4 ट्रिलियन डॉलर का है. अगले 6 साल में जीडीपी के साइज को लगभग डबल करने के लिए सरकार पुरजोर प्रयास कर रही है. इसके लिए बुनियादी संरचनाओं पर खूब काम किया जा रहा है. सरकार मैन्यु्फैक्चरिंग बढ़ाने के लिए पीएलआई स्कीम लेकर आ रही है. ये सारे प्रयास इस लिए हैं ताकि 7 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ रेट को अचीव किया जा सके.


डेलॉइट ने दिया है ये अनुमान


भारत कई सालों से दुनिया में सबसे तेज तरक्की करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है. आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थान भारत को ग्लोबल ग्रोथ का इंजन बता चुके हैं. जेपी मॉर्गन से एक दिन पहले डेलॉइट ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपना अनुमान दिया था. डेलॉइट ने कहा था कि भारत एक दशक में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. अभी अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान के बाद भारत पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था है.


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