Indian Economy: वित्त मंत्रालय ने कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 के पहले चार महीने के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपनी तेज गति को बरकरार रखा है. जुलाई महीने के लिए जारी हुए मंथली इकोनॉमिक रिव्यू के मुताबिक, जुलाई 2024 में अलग अलग इकोनॉमिक इंडीकेटर्स के मोर्चे पर भारतीय अर्थव्यवस्था ने जोरदार प्रदर्शन दिखाया है. जीएसटी कलेक्शन के साथ ई-वे बिल जेनरेशन बढ़ा है जो इकोनॉमिक एक्टिविटी में तेजी की ओर इशारा कर रहा है. जुलाई में भारतीय शेयर बाजार रिकॉर्ड हाई को छूने में कामयाब रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक 2023-24 के आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी 6.5 - 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है जो उचित लग रहा है. 


GST कलेक्शन दे रहा आर्थिक गतिविधि में तेजी के संकेत


गुरुवार 22 अगस्त, 2024 को वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के इकोनॉमिक डिविजन ने जुलाई 2024 के लिए मंथली इकोनॉमिक रिव्यू जारी किया है.  रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई 2024 में मई 2024 के बाद सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन देखने को मिला है. ग्रॉस जीएसटी रेवेन्यू में साल दर साल 10.3 फीसदी की बढ़ोतरी आई है और अप्रैल से जुलाई के दौरान 7.4 लाख करोड़ रुपये का कलेक्शन रहा है. मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में औसतन जीएसटी कलेक्शन 1.85 लाख करोड़ रुपये रहा है जो वित्त वर्ष 2023-24 में 1.68 लाख करोड़ औसत रहा था. जुलाई 2024 में ई-वे बिल जेनरेशन आर्थिक गतिविधि में तेजी के संकेत दे रहा है.  


शेयर बाजार ऑलटाइम हाई पर


मंथली इकोनॉमिक रिव्यू के मुताबिक भारतीय शेयर बाजार में तेजी जारी है और निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स दोनों ही नए हाई को छूने में कामयाब रहे. 29 जुलाई 2024 को निफ्टी 24999.8 के आंकड़े को छूने में कामयाब रहा है जबकि सेंसेक्स 81,908 अंकों पर जा पहुंचा. रिपोर्ट के मुताबिक हाउसिंग डिमांड में तेजी के चलते वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही के मुकाबले हाउसिंग सेल्स बढ़ी है. प्रॉप टाइगर के मुताबिक पहली तिमाही में हाउसिंग सेल्स तिमाही दर तिमाही कम रही है लेकिन बीते साल के समान तिमाही के मुकाबले सेल्स में 41.8 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है जो रियल एस्टेट निवेश में पॉजिटिव कंज्यूमर सेंटीमेंट की ओर संकेत दे रहा है.  


महंगाई में कमी पर पॉजिटिव है वित्त मंत्रालय


वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा, कोर इंफ्लेशन में कमी और मानसून में प्रगति से महंगाई को लेकर आउटलुक पॉजिटिव नजर आ रहा है. खुदरा महंगाई दर जून 2024 में 5.1 फीसदी के मुकाबले जुलाई 2024 में घटकर 3.5 फीसदी रही है जो सितंबर 2019 के बाद सबसे कम है. खाद्य महंगाई में कमी के चलते ऐसा हुआ है जो जुलाई में 5.4 फीसदी रही जबकि जून 2024 में 9.4 फीसदी रही थी. सब्जियों की महंगाई में कमी के चलते खाद्य महंगाई कम हुई है. दूसरी तरफ कोर इंफ्लेशन जुलाई 2024 में 3.3 फीसदी रही है. मौजूदा वर्ष के पहले चार महीनों में खुदरा महंगाई दर 4.6 फीसदी रही है जो वित्ते वित्त वर्ष के समान अवधि में 5.3 फीसदी रही थी.  


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