नई दिल्ली: भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी है और इसी रफ्तार से विकास करती रही तो भारत की इकोनॉमी जीडीपी मौजूदा स्तर से 3 गुना तक ज्यादा बढ़ जाएगी. देश में 8 फीसदी सालाना विकास दर के हिसाब से भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2030 तक 3 गुना से ज्यादा बढ़कर 7250 अरब डॉलर या 469 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है. नीति आयोग ने यह अनुमान जताया है. फिलहाल डॉलर का मूल्य 64.65 रुपये होने के आधार पर भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2110 अरब डॉलर है.


नीति आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संचालन परिषद की बैठक में भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार का अनुमान जताया. बैठक में 28 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए.


आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे जीडीपी का आधार बड़ा है. अगर हमारी वृद्धि अगले 15 साल औसतन 8 फीसदी रहती है, हमारा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2030 तक 2015-16 की कीमतों पर 469 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा.’’ पनगढ़िया आयोग की तीन साल की कार्य योजना, सात साल की रणनीति और 15 साल 2030-32 के दृष्टि पत्र के बारे में विस्तृत प्रस्तुति के बारे में मीडिया को संबोधित कर रहे थे.


यह पूछे जाने पर कि क्या आयोग ने 10 फीसदी विकास दर की उम्मीद छोड़ दी है, उन्होंने कहा, ‘‘हम रुपये के संदर्भ में 8 फीसदी और डॉलर के संदर्भ में 10 फीसदी विकास दर हासिल कर सकते हैं.’’ आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने इसे समझाते हुए कहा कि यह औसत विकास दर है क्योंकि यह हर साल एक जैसी नहीं हो सकती है.