RBI Bulletin: भारतीय रिजर्व बैंक ने दिसंबर 2023 के लिए जारी बुलेटिन में कहा है कि आने वाले वर्ष 2024 में इनपुट कॉस्ट यानि लागत में कमी और कॉरपोरेट जगत के मुनाफे में बढ़ोतरी के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. बुलेटिन में कहा गया है कि सितंबर अक्टूबर में मिली राहत के बाद नवंबर 2023 में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल के चलते खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.6 फीसदी पर जा पहुंचा है. हालांकि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तीन तिमाही के दौरान खुदरा महंगाई दर घटकर 4.6 फीसदी रहने का अनुमान है. आरबीआई बुलेटिन के मुताबिक अर्थव्यवस्था में मजबूती का असर घरेलू फाइनेंशियल मार्केट के ग्रोथ पर नजर आ रहा है.
आरबीआई के बुलेटिन के मुताबिक 2024 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ सकती है. तो दुनिया के अलग अलग क्षेत्रों में महंगाई में तात्कालिक कमी के चलते ब्याज दरों में कमी देखने को मिल सकती है. आरबीआई बुलेटिन में लिखे एक लेख के मुताबिक भारत में इस बात के आसार बेहद कम है कि महंगाई दर के उच्च रहने के साथ अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ेगी और बेरोजगारी दर ज्यादा होगी. एक फीसदी ऐसा होने की भारत में संभावना है.
आरबीआई बुलेटिन के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में केंद्र और राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति मजबूत रही है. इनकम टैक्स से लेकर कॉरपोरेट टैक्स और जीएसटी कलेक्शन में पहली तिमाही में शानदार उछाल देखने को मिला है. वहीं सरकार का रेवेन्यू एक्सपेंडिचर बजट अनुमानों के मुताबिक है तो कैपिटल एक्सपेंडिचर में शानदार ग्रोथ देखा जा रहा है.
बुलेटिन के मुताबिक 2023-24 की पहली तिमाही में शानदार टैक्स और नॉन टैक्स रेवेन्यू के चलते राज्य सरकारों ने पूंजीगत खर्चों में बढ़ोतरी की है. केंद्र सरकार की ओर से कैपिटल इंवेस्टमेंट स्कीम के लिए चलाई जा रही स्पेशल योजना का भी राज्यों को फायदा मिला है. सरकार के राज्स्व में बढ़ोतरी के चलते राजकोषीय घाटे को पहली तिमाही और दूसरी तिमाही में 7 फीसदी के भीतर रखने में मदद मिली है.
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