China GDP Declines: कोविड के बाद लगाये गए लॉकडाउन खत्म करने के बावजूद चीनी अर्थव्यवस्था की चमक फीकी पड़ती नजर आ रही है. 2023 की दूसरी तिमाही अप्रैल से जून के बीच चीन की जीडीपी उम्मीद से कम 6.3 फीसदी रही है. यानि मौजूदा वर्ष की दूसरी तिमाही में चीनी अर्थव्यवस्था ने 6.3 फीसदी के दर से विकास किया है. जो भारत के लिए अप्रैल से जून तिमाही के आरबीआई के अनुमान से बेहद कम है. आरबीआई ने 2023-24 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 8 फीसदी के दर से विकास करने की उम्मीद जाहिर की है. यानि आर्थिक विकास की रफ्तार के मामले में चीन पर भारत भारी साबित हो रहा है.
निवेशक छोड़ रहे चीन!
आज की तारीख में चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक प्रतिद्वंदी देश है. भारत चीन के अर्थव्यवस्था के ग्रोथ अनुमानों की इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा की जाती है. चाईना प्लस वन पॉलिसी (China Plus One Policy) के तहत दुनिया की बड़ी दिग्गज कंपनियां जो चीन में पहले से मौजूद हैं वो भारत नें अपना निवेश बढ़ा रहे हैं. यानि तक की शेयर बाजार के निवेशक भी चीन से निकलकर भारतीय शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं. इसका बड़ा उदाहरण है कि 24 मार्च 2023 के बाद से भारतीय शेयर बाजार में एकतरफा तेजी देखी जा रही है.
FPI की बदौलत शेयर बाजार में एकतरफा तेजी
विदेशी निवेशकों के बढ़ते निवेश के चलते सेंसेक्स 66,000 तो निफ्टी 19500 के ऐतिहासिक आंकड़े को पार करने में सफल रहा है. जबकि चीन की जीडीपी के आंकड़े के सामने आने के बाद वहां के शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली है. चीन की चिंता ये है कि वहां आर्थिक विकास की रफ्तार और सुस्त पड़ने वाली है. चीन के दूसरे देशों के किए जाने वाले एक्सपोर्ट्स में गिरावट देखी जा रही है. दूसरी तिमाही में चीन का जीडीपी 6.3 फीसदी रहा है जो पहली तिमाही के आंकड़े 4.5 फीसदी से कहीं ज्यादा बेहतर है. लेकिन बाजार और जानकारों के अनुमान से कम है.
चीन से बेहतर है भारत की आर्थिक विकास दर
चीन ने पहली तिमाही में जहां केवल 4.5 फीसदी के दर से विकास किया था . जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही जनवरी से मार्च के बीच उम्मीद से बेहतर 6.1 फीसदी के दर से आर्थिक विकास किया जिसके चलते पूरे वित्त वर्ष में जीडीपी 7.2 फीसदी रही थी. और उम्मीद जताई जा रही है कि 2023-24 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के बीच भी भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास की रफ्तार और भी शानदार रहने वाली है. आरबीआई ने अप्रैल-जून की पहली पहले तिमाही में 8 फीसदी आर्थिक विकास दर का अनुमान जताया है. जबकि भारत का सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी चीन के अर्थव्यवस्था की हालत कुछ बेहतर नहीं है. एक तो विकास की रफ्तार वहां धीमी पड़ रही है. उसपर से विदेशी निवेशक भी चीन से अपना कारोबार दूसरे देशों में ले जाने को आतुर हैं जिससे चीन को दोहरा झटका लगता नजर आ रहा है.
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