भारत के किसान उगा रहे ताबड़तोड़ प्याज, फिर भी 70-80 रुपये किलो क्यों है कीमत?
भारत में प्याज की खेती लगभग सभी राज्यों में होती है. इसे रबी और खरीफ सीजन में उगाया जाता है. 2023-24 में देश में कुल 242 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ.
पिछले कुछ हफ्तों से प्याज की कीमतों में लगातार तेजी ने आम जनता और सरकार दोनों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. चेन्नई जैसे शहरों में प्याज 100 से 110 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है. जबकि, राष्ट्रीय स्तर पर औसतन इसकी कीमत 70-80 रुपये प्रति किलो है. नोएडा की बात करें तो यहां प्याज 70 से 75 रुपये किलो बिक रहा है.
हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा सरकारी दुकानों पर 35 रुपये प्रति किलो प्याज बेचने और स्पेशल ट्रेनों के जरिए प्याज की आपूर्ति बढ़ाने जैसे कदम उठाए गए हैं. लेकिन, इसके बावजूद रिटेल कीमतों पर कोई खास असर नहीं दिख रहा है. चलिए, जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है. इसके साथ ही ये भी जानेंगे कि भारत में इतना प्याज होने के बाद भी कीमतें आसमान पर क्यों हैं?
प्याज की खेती और उत्पादन
भारत में प्याज की खेती लगभग सभी राज्यों में होती है. इसे रबी और खरीफ सीजन में उगाया जाता है. 2023-24 में देश में कुल 242 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ, जो पिछले साल की तुलना में 20% कम है. महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है और यहां के नासिक जिले का लासलगांव एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है. महाराष्ट्र अकेले भारत का 43% प्याज उत्पादन करता है. जबकि, कर्नाटक और गुजरात दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.
क्यों बढ़ रही हैं प्याज की कीमतें
इस साल प्याज की कीमतों में तेजी के पीछे कई कारण हैं. जैसे बारिश का असर. खरीफ सीजन में ज्यादा बारिश के कारण फसलों को नुकसान हुआ. इसके चलते प्याज की कटाई में देरी हुई और मंडियों में आपूर्ति प्रभावित हुई. इसके आलावा, उत्पादन में कमी भी इसके पीछे की एक वजह है. 2023-24 में उत्पादन में गिरावट के चलते मांग और आपूर्ति के बीच अंतर बढ़ गया है. वहीं, बढ़ती मांग की वजह से भी प्याज महंगा हुआ है.
निर्यात और वैश्विक भूमिका
भारत प्याज का दुनिया में सबसे बड़ा निर्यातक है. 2022-23 में भारत ने 2.5 मिलियन टन प्याज का निर्यात किया था, जिससे 4,525.91 करोड़ रुपये की कमाई हुई. हालांकि, बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने हाल ही में प्याज के निर्यात पर रोक लगाने जैसे कदम उठाए हैं.
इसके अलावा महंगाई से निपटने के लिए केंद्र सरकार प्याज की स्टॉक लिमिट और आपूर्ति बढ़ाने जैसे कदम उठा रही है. हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि कीमतों में स्थिरता लाने के लिए उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करना भी जरूरी है.
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