जॉब मार्केट की बदली स्थितियों में नौकरी खोजने वालों की तरजीह भी बदल रही है. एक हालिया रिपोर्ट बताती है कि अभी नौकरी खोज रहे ज्यादातर भारतीय युवा (फ्रेशर्स) पैसे से ज्यादा नौकरी की सुरक्षा को वजन दे रहे हैं. उनके लिए पे हाइक से ज्यादा महत्वपूर्ण जॉब सिक्योरिटी हो गई है.
इस सर्वे में सामने आई बात
यह बात सामने आई है अनस्टॉप 2024 टैलेंट रिपोर्ट में. इसके तहत 11 हजार से ज्यादा लोगों का सर्वे किया गया, जिनमें विद्यार्थी, यूनिवर्सिटी पार्टनर और एचआर प्रोफेशनल शामिल रहे. सर्वे में कई रोचक बातें सामने आई हैं. जैसे- ज्यादातर फ्रेशर अब जॉब सिक्योरिटी को प्रॉयरिटी में रख रहे हैं, भारत में बहुत कम ऐसे कॉलेज हैं, जहां सौ फीसदी प्लेसमेंट की सुविधा है...
जॉब सिक्योरिटी ज्यादा महत्वपूर्ण
सर्वे के हवाले से ईटी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 60 फीसदी स्टूडेंट के लिए पे हाइक से ज्यादा महत्वपूर्ण जॉब सिक्योरिटी है. वहीं 53 फीसदी भारतीय विद्यार्थियों को इस बात का डर सता रहा है कि वे शायद अपने पसंदीदा फील्ड में जॉब न खोज पाएं. वहीं सिर्फ 7 फीसदी भारतीय कॉलेज ही ऐसे पाए गए, जिनके पास 100 फीसदी प्लेसमेंट का रिकॉर्ड है.
जेंडर के हिसाब से ऑफर में गैप
सर्वे में जेंडर पे डिस्पैरिटी यानी पुरुषों की तुलना में महिलाओं की कम सैलर पर भी चिंताजनक तस्वीर निकल कर सामने आई है. सर्वे के अनुसार, आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम में पुरुषों के लिए सबसे कॉमन ऑफर 6 से 10 लाख रुपये का है, जबकि महिलाओं के मामले में यह कम होकर 2 से 5 लाख रुपये रह जाता है. मतलब महिलाओं को मिलने वाले ऑफर पुरुषो की तुलना में 50 फीसदी तक कम हो जाते हैं.
इंजीनियरिंग में नहीं हे जेंडर गैप
हालांकि इंजीनियरिंग के मामले में यह गैप नहीं है. सर्वे के अनुसार, इंजीनियरिंग स्ट्रीम में महिलाओं और पुरुषों को लगभग बराबर ऑफर मिल रहे हैं. बी स्कूल (बिजनेस डिग्री देने वाले कॉलेज) में भी पुरुषों और महिलाओं के बीच कुछ खाई है. बी स्कूल में जहां 55 फीसदी पुरुषों कों 16 लाख रुपये से ज्यादा के ऑफर मिल रहे हैं, वहीं महिलाओं के मामले में यह कम होकर 45 फीसदी रह जाता है.
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