गहनों के लिए भारत का प्यार और बढ़ा, मई में जेम्स-ज्वैलरी का इंपोर्ट 23.61 फीसदी बढ़ा, एक्सपोर्ट का रहा ये हाल
Gems and Jewellery Export: मई में जेम्स एंड ज्वैलरी का आयात तो बेतहाशा बढ़ा है लेकिन एक्सपोर्ट में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. आयात में 23.6 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखा गया है जबकि एक्सपोर्ट कम हुआ.
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Gems and Jewellery Export: जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) ने मई 2024 में रत्नों और गहनों के आयात और निर्यात का आंकड़ा जारी किया है. मई में भारत का एक्सपोर्ट जहां घट गया है वहीं आयात यानी इंपोर्ट में भारी इजाफा देखा गया है. GJEPC ने बताया है कि मई में भारत से आयात 15794.26 करोड़ रुपये रहा है जो कि इससे पिछले साल की तुलना में 23.61 फीसदी अधिक है. पिछले साल मई में ये आयात 12625.59 करोड़ रुपये पर रहा था.
अगर इसे डॉलर में देखें तो मई 2024 में जेम्स एंड ज्वैलरी इंपोर्ट 1894.4 मिलियन यूएस डॉलर पर आया है जबकि ठीक एक साल पहले यानी मई 2023 में ये आंकड़ा 1532.61 मिलियन यूएस डॉलर का रहा था.
इंपोर्ट बढ़ा पर एक्सपोर्ट घटा
आयात तो बेतहाशा बढ़ा है लेकिन बीते महीने जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. इस साल मई में जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट 20713.370 करोड़ रुपये रहा है जबकि एक साल पहले मई में निर्यात 21795.65 करोड़ रुपये पर रहा था. डॉलर टर्म में देखें तो बीते महीने 2484.48 मिलियन यूएस डॉलर का एक्सपोर्ट रहा जबकि इससे पिछले साल ये 2646.92 मिलियन यूएस डॉलर पर रहा था.
क्यों आई जेम्स एंड ज्वैलरी इंपोर्ट में बढ़ोतरी
कामा ज्वैलरी के एमडी कॉलिन शाह का कहना है कि आर्थिक अस्थिरता इसकी बड़ी वजह है. जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री इस समय चुनौतीपूर्ण समय से जूझ रही है और ये लगभग एक साल से जारी है. रूस-यूक्रेन के युद्ध के चलते जियो-पॉलिटिकल टेंशन के साथ-साथ अब इजरायल-हमास संघर्ष ने एक्सपोर्ट पर गहरा निगेटिव असर डाला है. ओवरसीज मार्केट में मांग बेहद नीचे आई है जिसका असर ज्वैलरी के निर्यात के गिरने के तौर पर सामने आया है.
ग्लोबल चुनावों का असर भी बन रहा वजह
कॉलिन शाह ने एक बड़ी अहम बात बताई है कि इस साल 60 से ज्यादा देशों में चुनाव होने हैं. भारत, इटली जैसे देशों में जनरल इलेक्शन हो भी चुके हैं और कई राष्ट्र नई सरकारें चुनने के लिए तैयारी में हैं. इसके असर से भी चुनावी देशों और उनसे जुड़े राष्ट्रों मे ट्रेड पर असर देखा गया है. हमको इससे जुड़े इवेंट्स पर भी नजर रखनी होगी लिहाजा हम पूरे साल के लिए कारोबारी गतिविधि के बारे में फैसला ले सकेंगे. हालांकि आने वाले समय में त्योहारी सीजन के चलते ट्रेड एक्टिविटी में तेजी आने की पूरी उम्मीद है.
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