सॉवरेन वेल्थ और पेंशन फंड्स को आकर्षित करने पर पूरा जोर, सरकार ने उठाए ये खास कदम
पिछले साल नवंबर में सोवरेन वेल्थ और पेंशन फंड्स के प्रतिनिधियों से पीएम मोदी की बैठक हुई थी. इसके बाद से ही फैसला किया गया कि इन फंड्स से को-ऑर्डिनेशन के लिए वित्त मंत्रालय के खास अफसर नियुक्त किए जाएंगे.
सरकार दिग्गज सॉवरेन वेल्थ और पेंशन फंड्स को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित करने के लिए जोर-शोर से जुट गई है. वित्त मंत्री ने कुछ खास अफसरों को इन फंड्स से को-ऑर्डिनेट करने का जिम्मा दिया है ताकि इनका रुझान भारतीय अर्थव्यवस्था में और बढ़े. सरकार जिन दिग्गज फंड्स से संपर्क में हैं उनमें ब्रिटिश कोलंबिया इनवेस्टमेंट, टीचर रिटायरमेंट, टेक्सस, जापान पोस्ट,सीडीपीक्यू,सीपीपी इनवेस्टमेंट, पेंशन डेनमार्क, पीजीजीएम इनवेस्टमेंट और दूसरे फंड शामिल हैं.
रिलेशनशिप मैनेजरों की नियुक्ति
सरकार ने जिन डेडिकेटेड रिलेशनशिप मैनेजरों की नियुक्ति की है वे इन निवेशकों को क्लीयरेंस दिलाने, अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों से मंजूरी दिलाने में मददगार साबित होंगे. अलग-अलग फंडों से को-ऑर्डिनेट करने के लिए अफसरों के नाम तय कर दिए गए हैं. पिछले साल नवंबर में इन फंड्स के प्रतिनिधियों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत हुई थी. इसके बाद यह फैसला किया गया इन सारे फंड्स से को-ऑर्डिनेशन के लिए एक-एक अफसर नियुक्त किए जाएं ताकि ये तो नया निवेश करें या फिर मौजूदा निवेश में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएं. पीएम साथ फंड्स के प्रतिनिधियों के साथ वित्तीय क्षेत्र से जुड़े रेगुलेटर्स ने भी हिस्सा लिया था.
लंबे समय तक निवेश करते हैं सोवरेन वेल्थ और पेंशन फंड्स
दरअसल सोवरेन वेल्थ और पेंशन फंड्स को स्थायी और लंबी अवधि के निवेशक के तौर पर देखा जाता है. ऐसे फंड लंबे वक्त तक चलने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए फंड मुहैया करा सकते हैं. इनमें से कुछ फंड फरवरी में सरकार की ओर शुरू किए गए एसेट मोनेटाइजेशन प्रोग्राम में दिलचस्पी ले सकते है. वित्त वर्ष 2020-21 के पहले नौ महीनों में देश में 67.5 अरब डॉलर का एफडीआई था. वित्त वर्ष 2019-20 में एफडीआई बढ़ कर 74.4 अरब डॉलर हो गया था.
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