Government Bonds: भारत की आर्थिक विकास की रफ्तार तेजी से आगे बढ़ रही है और लगातार इसको लेकर नए-नए अपडेट व खबरों के आने का सिलसिला जारी है. पिछली बार आए जीडीपी के आंकड़ें इसके गवाह हैं और शेयर बाजार की रैली से भी लगातार देश की ग्रोथ स्टोरी को लेकर भरोसा बना हुआ है. इसी कड़ी में एक और खबर आई है जिसे जानकर आपको खुशी होगी.


साल 2024 में भारत के सरकारी बॉन्ड को लेकर नया उत्साह देखा जा सकता है क्योंकि ब्लूमबर्ग ने इन्हें अपने इंडेक्स में शामिल करने का प्रस्ताव रखा है. सितंबर 2024 में देश के सरकारी बॉन्ड्स को ब्लूमबर्ग के इंडेक्स में शामिल किया जा सकता है. भारतीय सरकारी बॉन्ड जून 2024 से उसके सरकारी बॉन्ड इंडेक्स-इमर्जिंग मार्केट्स (जीबीआई-ईएम) वैश्विक इंडेक्स सूट का हिस्सा होंगे. ब्लूमबर्ग प्रपोजल के मुताबिक, भारतीय डेट (कर्ज) को भी इसमें शामिल किया जाएगा.


जेपी मॉर्गन ने पहले ही कर दिया था ऐलान


गौरतलब है कि जेपी मॉर्गन ने जून 2024 से शुरू होने वाले GBI-EM Global index में  भारत के सरकारी बॉन्ड्स को शामिल किया था. इसका ऐलान सितंबर 2023 में ही हो चुका था. ब्लूमबर्ग का प्रस्ताव जेपी मॉर्गन द्वारा सितंबर 2023 में भारतीय सरकारी बॉन्ड्स को अपने इंडेक्स में शामिल करने के महीनों बाद आया है.


जानें ब्लूमबर्ग इंडेक्स से जुड़ी कुछ और डिटेल्स


भारत के सरकारी बॉन्ड्स का जनवरी 2025 में फुली एक्सेसिबल रूट (FAR) कैटेगरी के तहत ब्लूमबर्ग इंडेक्स में शामिल होने का प्रोसेस पूरा हो जाएगा. जब भारत के सरकारी बॉन्ड्स ब्लूमबर्ग इमर्जिंग मार्केट के 10 फीसदी कंट्री कैप्ड इंडेक्स में आ जाएंगे. उस समय इन भारतीय एफएआर बॉन्ड्स का ब्लूमबर्ग इंडेक्स में 10 फीसदी से ज्यादा का वेटेज नहीं होगा और इन पर 10 फीसदी की फुल कैप या लिमिट होगी.


ब्लूमबर्ग इंडेक्स में रुपया तीसरा सबसे बड़ा करेंसी कंपोनेंट होगा


ब्लूमबर्ग इंडेक्स सर्विसेज लिमिटेड के मुताबिक "उस समय, ब्लूमबर्ग इमर्जिंग मार्केट लोकल करेंसी इंडेक्स के भीतर चीनी रेनमिनबी और दक्षिण कोरियाई वोन के बाद भारतीय रुपया तीसरा सबसे बड़ा करेंसी कंपोनेंट बन जाएगा,"


क्या होते हैं FAR कैटेगरी के बॉन्ड्स


एफएआर कैटेगरी में वे बॉन्ड शामिल होते हैं जिन्हें विदेशी निवेशक किसी लिमिट या प्रतिबंध के बिना खरीद सकते हैं.


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