सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ लें और बेटी की चिंता भूल जाएं
बेटी के भविष्य की चिंता हर माता पिता को होती है. इस चिंता को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की है. इस योजना के जरिए 10 साल से छोटी बच्ची का बैंक में खाता खोलकर उसमें हर साल 1.50 लाख रुपये जमा कर सकते हैं.
नई दिल्ली: सुकन्या समृद्धि योजना को लेकर सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इस योजना के माध्यम से कोई भी भारतीय नागरिक दस साल से छोटी बच्ची के लिए बैंक अकाउंट खोल सकता है. इस योजना का लाभ लेने के लिए अभिभावक को जन्म प्रमाण पत्र सहित कुछ अन्य कागज देने होंगे. लेकिन ध्यान रहे कि एक व्यक्ति के नाम पर एक ही सुकन्या समृद्धि अकाउंट खोला जा सकता है. अगर किसी परिवार में जुड़वा बेटियों का जन्म होता है तो वहां पर दो से अधिक सुकन्या समृद्धि अकाउंट खोले जा सकते हैं.
सुकन्या समृद्धि अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष के दौरान अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा किया जा सकते हैं. वहीं, एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम जमा राशि 250 रुपये है. इसका अर्थ है कि आप एक साल में डेढ़ लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं, वहीं अकाउंट को चालू रखने के लिए कम से कम 250 रुपये जमा करने होंगे. इस रकम को खाताधारक के खाते में रिटर्न कर दिया जाएगा. सुकन्या समृद्धि अकाउंट में 15 साल तक रुपये जमा किए जा सकते हैं.
न्यूनतम रकम जमा न करने पर देना होगा जुर्माना सुकन्या समृद्धि अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष के दौरान न्यूनतम रकम जमा नहीं करते हैं तो 15 साल की अवधि के दौरान इसे कभी भी रेग्युलराइज नहीं किया जाएगा. इसके लिए हर साल के हिसाब से 50 रुपये जुर्माना अदा करना होगा.
8.40 प्रतिशत की दर से मिलता है ब्याज इस योजना पर सरकार खाताधारक को 8.40 प्रतिशत की दर से ब्याज भी देती है. इस पर ब्याज को हर माह 5 तारीख से लेकर माह के अंत तक जो भी न्यूनतम रकम होगी, उसी को जोड़ा जाएगा. इसके बाद हर साल इस ब्याज को खाताधारक के अकाउंट में भेज दिया जाएगा. इस खाते को बच्ची की उम्र 18 साल होने तक जारी रख सकते हैं.वहीं यह अकांउट खोलने की तारीख से लेकर ठीक 21 साल बाद मैच्योर हो जाएगा. इसके बाद अकाउंट को बंद किया जा सकता है.
21 साल होने पर बेटी के खाते में होंगे 73 लाख इस योजना के तहत अगर प्रत्येक साल डेढ़ लाख रुपये 15 साल तक जमा किए जाते हैं तो 21 साल पूरे होने पर ब्याज सहित यह रकम लगभग 73 लाख बनेगी. इस बात का ध्यान रखना होगा कि इस योजना पर मिलने वाला ब्याज केंद्र सरकार हर तिमाही में तय करती है ऐसे में ब्याज की दरों में परिर्वतन भी हो सकता है.