IDBI Bank Privatisation: केंद्र सरकार और एलआईसी ( LIC) आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने जा रही है. जिसके बाद आईडीबीआई बैंक के निजीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा. लेकिन सरकार हिस्सेदारी बेचने के लिए 7.7 अरब डॉलर यानि 63000 करोड़ रुपये आईडीबीआई बैंक के वैल्यूएशन की मांग कर रही है. 


32 फीसदी ज्यादा वैल्यू की मांग 
आईडीबीआई बैंक का शेयर 44.30 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. इसके हिसाब से बैंक मार्केट वैल्यू फिलहाल 47,633 करोड़ रुपये है यानि 47,633 करोड़ रुपये है. इसका अर्थ हुआ कि सरकार मौजूदा लेवल से 32 फीसदी ज्यादा वैल्यूएशन की मांग कर रही है. 


मैनेजमेंट कंट्रोल भी दिया जाएगा
इससे पहले सरकार और लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ने साथ में आईडीबीआई बैंक में 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है. केंद्र सरकार अपने कुल हिस्सेदारी में से 30.48 फीसदी और एलआईसी 30.24 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी. संभावित बोली लगाने वालों से बोली मंगाई जाएगी और विनिवेश के साथ आईडीबीआई बैंक का मैनेजमेंट कंट्रोल भी सबसे ज्यादा बोली लगाने वाली कंपनी को ट्रांसफर किया जाएगा.


अगले वर्ष तक बेचने का प्रोसेस होगा पूरा 
केंद्र सरकार और एलआईसी के पास आईडीबीआई बैंक में कुल 94 फीसदी हिस्सेदारी है. जिसमें से 60.72 फीसदी हिस्सेदारी सरकार और एलआईसी बेचने जा रही है. मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 में ही आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी बेचने का सरकार ने लक्ष्य तय किया हुआ है. हालांकि माना जा रहा कि ये प्रोसेस अगले वित्त वर्ष 2023-24 तक खींच सकता है. 


30 सितंबर को खत्म हुए दूसरी तिमाही में आईडीबीआई बैंक के मुनाफे में 43.7 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है और ये 828.1 करोड़ रुपये रहा है. IDBI Bank में सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है. वहीं, एलआईसी की 49.24 फीसदी हिस्सेदारी है. सरकार ने विनिवेश के जरिए 65,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है लेकिन अभी तक 21000 करोड़ रुपये ही एलआईसी के आईपीओ के जरिए जुटाने में सफलता मिली है. 


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