Rich People in India: भारत अभी भी उन देशों में से एक है जहां सबसे ज्यादा हाई नेट वर्थ वाले लोग देश छोड़कर बाहर जा रहे हैं. जानी-मानी रिसर्च कंपनी हेनले एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमीरों के इस बड़े पलायन से दुनिया के हालात काफी बदल रहे हैं, जिसका असर उन देशों पर पड़ेगा जहां से ये लोग जा रहे हैं. वहीं जिन देशों में मिलेनियर्स जा रहे हैं उन देशों पर भी असर पड़ेगा. 


इस साल घटेगी भारत छोड़कर जाने वाले अमीरों की संख्या


भारत छोड़कर विदेश में बसने वाले भारतीयों की संख्या में इस साल बड़ी गिरावट आ सकती है. हेनले एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 में लगभग 4300 करोड़पति भारत छोड़कर जा सकते हैं. एक साल पहले यही संख्या लगभग 5100 थी. हेनले एंड पार्टनर्स के मुताबिक लगभग 4300 भारतीय मिलियनेयर्स, जिनकी संपत्ति 1 मिलियन डॉलर यानी 8.36 करोड़ रुपये से ज्यादा है, भारतीय नागरिकता छोड़कर दूसरे देशों में जा सकते हैं.


भारत करोड़पतियों की ग्लोबल लिस्ट में दसवें स्थान पर


साल 2013 से 23 के बीच भारत में करोड़पतियों की संख्या 85 फीसदी बढ़ी है. भारत करोड़पतियों की लिस्ट में कुल 326,400 अमीरों के साथ 10वें नंबर पर आ गया है. चीन में करोड़पतियों की संख्या 862,400 हो गई है. अरबपतियों की लिस्ट में भारत 120 अरबपति के साथ तीसरे नंबर पर है.


तेजी मंदी का क्या है कहना


मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की सेबी रजिस्टर्ड सब्सिडियरी तेजी मंदी का कहना है कि भारत में हाल के कुछ सालों में एक अहम रुझान देखा जा रहा है और अमीर लोग यानि हाई-नेट वर्थ इंडिविजुअल्स भारत छोड़कर बाहर जा रहे हैं. भारत उन देशों में चीन और ब्रिटेन के बाद तीसरे स्थान पर है, जहां से सबसे ज्यादा अमीर लोग दूसरे देशों में जा रहे हैं.


मिलेनियर्स द्वारा पलायन करने की मुख्य वजह


तेजी मंदी के मुताबिक भारतीय करोड़पति अक्सर बेहतर जिंदगी, सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण, और अच्छी स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं की तलाश में विदेश चले जाते हैं. वहीं, दूसरी तरफ अमेरिका में नवंबर 2024 के चुनाव में अगर ट्रम्प जीतते हैं तो सुरक्षा के हालात कैसे रहेंगे, इसको लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. साथ ही कुछ क्षेत्रीय खतरों के कारण दक्षिण कोरिया और ताइवान से भी अमीर लोग बड़ी संख्या में बाहर जा रहे हैं.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट


हेनले एंड पार्टनर्स कंपनी के प्राइवेट क्लाइंट्स ग्रुप हेड डॉमिनिक वोलेक ने कहा, "दुनिया भर में राजनीतिक तनाव, आर्थिक अनिश्चितता और सामाजिक अशांति जैसे मुश्किल हालातों के चलते अमीर लोग रिकॉर्ड संख्या में एक देश से दूसरे देश जा रहे हैं. यह एक तरह से बड़े बदलाव का संकेत है, जिससे दुनिया का आर्थिक और राजनीतिक नक्शा बदल सकता है."


भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं


अमीर लोगों का किसी देश से बाहर जाना, उस देश की आर्थिक सेहत का एक अहम संकेत होता है. उदाहरण के लिए अगर कोई देश बड़ी संख्या में अमीर लोगों को खो रहा है, तो शायद वहां कोई गंभीर समस्याएं हैं. अमीर लोग अक्सर सबसे पहले देश छोड़ते हैं, इसलिए यह भविष्य के लिए भी अच्छा संकेत नहीं है.


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