Indian Navy Protection: भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने कारोबार की सुरक्षा के लिए कमर कस ली है. समुद्र के जरिए हो रहे करीब एक ट्रिलियन डॉलर के निर्यात और आयात की सुरक्षा का जिम्मा अब नौसेना उठाएगी. पिछले कुछ हफ्तों में लाल सागर, अदन की खाड़ी और सेंट्रल एवं उत्तर अरब सागर में जहाजों पर हमले बड़े हैं. समुद्री लुटेरों ने अब कारोबारी जहाजों पर ड्रोन हमले शुरू कर दिए थे. इसके चलते अब इंडियन नेवी ने कारोबारी रूट्स की निगरानी बढ़ने का फैसला किया है.
हाल ही में कारोबारी जहाज पर ड्रोन से हुआ था हमला
हाल ही में भारतीय सीमा से करीब 700 नॉटिकल मील दूर एमवी रुएन पर समुद्री लुटेरों ने हमला किया था. इसके अलावा एमवी केम प्लूटो पर ईरान समर्थित लुटरों ने ड्रोन की मदद से हमला किया गया. इसके चलते जहाज में आग लग गई थी और वह बंद हो गया था. यह जहाज सऊदी अरब जा रहा था. इन घटनाओं ने भारतीय कारोबरियों को चिंता में डाल दिया था. भारत और मिडिल ईस्ट के देशों के बीच इस समुद्री रास्ते के जरिए चावल, गेहूं, दाल, कच्चा तेल समेत बेहद जरूरी चीजों का लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर का कारोबार होता है.
नेवी के डिस्ट्रॉयर्स और फ्रिगेट्स को सौंपा गया जिम्मा
भारतीय नौसेना ने रविवार को एक बयान जारी करते हुए बताया कि सर्विलांस बढ़ाने के लिए नेवी के डिस्ट्रॉयर्स और फ्रिगेट्स तैनात किए हैं. इंडियन नेवी मर्चेंट जहाजों को किसी भी संकट की स्थिति में तुरंत सहायता उपलब्ध कराएगी. इसके अलावा लंबी रेंज वाले एयरक्राफ्ट से पेट्रोलिंग भी बढ़ाई जाएगी. इसके अलावा कोस्ट गार्ड भी भारत के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (EEZ) की सुरक्षा में इजाफा करेंगे.
समुद्री लुटेरों के लिए बदनाम यमन के नजदीक आईएनएस कोच्चि तैनात
भारतीय नौसेना ने अपने बेड़े से 5 डिस्ट्रॉयर्स आईएनएस कोलकाता, आईएनएस कोच्चि, आईएनएस चेन्नई, आईएनएस विशाखापत्तनम और आईएनएस मोरमुगाओ को अरब सागर की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा है. इन्हें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जगहों पर तैनात किया गया. यह तैनाती अमेरिका समर्थित संगठन की सुरक्षा के अतिरिक्त की गई है. आईएनएस कोच्चि को समुद्री लुटेरों के लिए बदनाम यमन के नजदीक तैनात किया गया है.
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