Nifty @ 24000: साल 2024 में 11% के उछाल के साथ 24000 अंकों को छू सकता है निफ्टी, आएगा रिकॉर्ड विदेशी पोर्टफोलियो निवेश
NSE Nifty: एमके ने निफ्टी के 2024 में 24000 को छूने की भविष्यवाणी की है जबकि गोल्डमैन सैक्स ने कहा है कि कि निफ्टी 23,500 के आंकड़े तक जा सकता है.
Nifty @ 24000: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) का इंडेक्स निफ्टी (Nifty) साल 2024 में 24000 के लेवल को छू सकता है. एमके इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (Emkay Institutional Equities ) ने ये भविष्यवाणी की है. एमके ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2024 में निफ्टी में 11 फीसदी का उछाल देखने को मिल सकता है और इंडेक्स 24000 के लेवल तक जा सकता है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया बेहतर अर्निंग ग्रोथ और रिटर्न रेश्यो में तेजी बने रहने के चलते स्मॉल और मिडकैप इंडेक्स में 2024 में भी तेजी बनी रह सकती है. इससे पहले गोल्डमैन सैक्स भी कह चुकी है कि निफ्टी 23500 तक जा सकता है.
2024-25 में रिकॉर्ड FPI के आसार
एमके इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपने रिपोर्ट में कहा कि भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेश 2020-21 के स्तर को भी पार कर सकता है. एमके ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय इक्विटी में इंफ्लो 2020-21 के 36.7 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा रहने की उम्मीद है. रिपोर्ट के मुताबिक बड़े मार्कट-कैप बेस के चलते भारत की बड़े निवेश को संभालने की क्षमता में सुधार आया है. वहीं इमर्जिंग मार्केट्स में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती और विदेशी निवेश को आकर्षित करने में चीन अक्षमता का लाभ भारत को मिलेगा जिसके चलते भारत सबसे ज्यादा विदेशी निवेश को आकर्षित करेगा.
मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर 2024 की मुख्य थीम
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज (Emkay Global Financial Services) के रिसर्च एंड स्ट्रैटजिस्ट प्रमुख शेषाद्रि सेन ने कहा, निफ्टी 2024 में 11 फीसदी तक का रिटर्न दे सकता है. उन्होंने बताया कि मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर 2024 की मुख्य थीम्स में शामिल होगी. वहीं इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के सीईओ नीरव सेठ ने कहा भारत में ब्याज दरों में कमी भारत में ग्रोथ के लिए स्टीमुलस नहीं साबित होगा. हालांकि शेयर बाजार के ऊपर ले जाने के लिए ये जरुर दिशा देने का काम करेगा. उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में कमी का असर विदेशी पोर्टफोलियो निवेश पर पड़ेगा. 2024 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश बेहद मजबूत रहने वाला है. उन्होंने कहा कि अप्रैल से सितंबर 2024 के दौरान चुनावी नतीजों, मजबूत बजट, फेड और आरबीआई के ब्याज दरों में कटौती और कमोडिटी प्राइसेज में कमजोरी के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगी.
बड़े बैंकों की घटेगी कमाई
रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर बड़े बैंकों की कमाई में पूर्व के वर्षों के मुकाबले 2024-25 में कमी देखने को मिल सकती है जिसका असर इन बैंकों के स्टॉक्स पर पड़ सकता है. बैंकों के मार्जिन में कमी आएगी जिसके चलते बैंकों के स्टॉक्स का प्रदर्शन कमजोर रह सकता है.
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