आंध्र में अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करेगी इंडियन ऑयल, 1869 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान
एलपीजी की डिमांड बढ़ रही है और इंडियन ऑयल की एलपीजी मार्केटिंग मे 35.5 फीसदी की हिस्सेदारी है. वर्ष 2020-21 के दौरान रसोई गैस की इसकी बिक्री बढ़ कर 2,59,000 टन तक पहुंच जाएगी.
आंध्र प्रदेश में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी के की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड 1689 करोड़ रुपये लगाने जा रहा है. इंडियन ऑयल के ईडी और आंध्र-तेलंगाना रीजन के हेड आर एस. एस राव ने कहा कि इंडियन ऑयल यहां अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के विस्तार के लिए यह निवेश करेगी.
एलपीजी सेगमेंट में भी बढ़ाएगी निवेश
द हिंदू की एक खबर के मुताबिक राव ने कहा इंडियन ऑयल 1,522 करोड़ रुपये पेट्रो प्रोडक्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करेगी जबकि 167 रुपये एलपीजी सेगमेंट में निवेश किए जाएंगे. इनसे जुड़ी कुछ परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं. राव ने कहा कि कोंडापल्ली में मौजूदा विजयवाड़ा टर्मिनल पारादीप-हैदराबाद पाइपलाइन यानी PHPL के लिए टैप-ऑफ प्वाइंट टर्मिनल के तौर पर काम करेगी. इसका पुनरुद्धार किया जाएगा और इसकी स्टोरेज क्षमता बढ़ाने के लिए अगले साल सितंबर तक इसमें 316 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. पीएचपीएल 1200 किलोमीटर पाइपलाइन है और यह ओडिशा में पारादीप से होकर हैदराबाद तक जाती है. आंध्र प्रदेश में इसका 723 किलोमीटर का हिस्सा है.
नया बॉटलिंग प्लांट भी बनाने की योजना
राव ने बताया कि एलपीजी की डिमांड बढ़ रही है. इंडियन ऑयल की एलपीजी मार्केटिंग मे 35.5 फीसदी की हिस्सेदारी है.वर्ष 2020-21 के दौरान रसोई गैस की इसकी बिक्री बढ़ कर 2,59,000 टन तक पहुंच जाएगी. इसके एलपीजी ग्राहकों की संख्या 49 लाख है. आंध्र में इंडियन ऑयल के तीन बॉटलिंग प्लांट हैं. ये कडप्पा, विशाखापट्टनम और कोंडापल्ली में हैं. एक नया बॉटलिंग प्लांट चित्तूर में बनेगा. इस पर 167 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
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