Indian Railway Efforts for Saving Electricity: भारतीय रेलवे समय-समय पर कई ऐसी तकनीक लाती रहती है जिससे लोगों को बेहतर सुविधा का लाभ मिल सके. अब भारतीय रेलवे ने बिजली बचाने के लिए एक बेहतरीन आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. यह तकनीक है ऑटोमेटिक लाइट कंट्रोल सिस्टम (automatic light control system). इस सिस्टम के जरिए अब रेलवे स्टेशन पर करीब 70 प्रतिशत तक बिजली बचाई जा सकेगी.


ऑटोमेटिक लाइट कंट्रोल सिस्टम क्या है?
ऑटोमेटिक लाइट कंट्रोल सिस्टम एक तकनीक है. इस तकनीक के तहत ट्रेन के रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर प्लेटफॉर्म की सभी लाइटें खुद-ब-खुद जल जाएंगी. इसके बाद जब ट्रेन प्लेटफॉर्म से चली जाएगी तब यह लाइट्स खुद बंद हो जाएगी. इन लाइट्स में सेंसर लगे होते हैं जिसके जरिए ट्रेन के आने पर लाइट ऑन और जाने पर ऑफ हो जाती है. इस तकनीक के इस्तेमाल से बिजली बचाने में मदद मिलेगी. फिलहाल पश्चिम मध्य रेलवे (West Central Railway) ने इस तकनीक का इस्तेमाल शुरू कर दिया है.


रेलवे ने ट्वीट कर दी जानकारी
रेलवे ने ट्वीट कर जानकारी दी है. रेलवे ने बताया कि ऑटोमेटिक लाइट कंट्रोल सिस्टम की खास पहल को पश्चिम मध्य रेलवे द्वारा शुरू किया जा रहा है. पश्चिम मध्य रेलवे की जबलपुर, कोटा, सवाई माधोपुर, भरतपुर, भोपाल, कटनी, दमोह, रानी कमलापति, बीना, सतना, विदिशा समेत कुल 20 रेलवे स्टेशनों में इस तरह की ऑटोमेटिक लाइट कंट्रोल सिस्टम को लगाया गया है. वहीं रेलवे की इस खास पहल से करीब 70 प्रतिशत तक तक बिजली की बचत की जा सकेगी और इससे रेलवे को लाखों रुपये का लाभ मिलेगा.






सोलर एनर्जी पर ट्रेन चलाने की तैयारी
रेलवे अब ट्रेनों को सोलर एनर्जी से चलाने की तैयारी में है. पश्चिम मध्य रेलवे मध्य प्रदेश के बीना में एक सोलर पावर प्लांट लगाया जा चुका है. इससे करीब 1.7 मेगावाट की बिजली बनेगी जिससे ओवरहेड वायर से ट्रेनों के संचालन में मदद की जाती है. 


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