Indian Railways: राजधानी, शताब्दी, दूरंतो जैसी ट्रेनों का कैसे हुआ नामकरण? जानें रेलगाडि़यों के नाम से जुड़ी दिलचस्प बातें
Railway News: राजधानी, शताब्दी, दूरंतो जैसी ट्रेनों का नाम पहली बार कैसे तय किया गया था. क्या आपको इस बारे में पता है. हम बता रहे हैं कि इन नामों को रखने के पीछे क्या कारण है.
Indian Railway: इंडियन रेलवे एशिया का दूसरा और विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क (Rail Network) है. ट्रेन के जरिए हर दिन भारत में करोड़ों लोग सफर करते हैं. ऐसे में इसे आम लोगों के जीवन की लाइफलाइन (Lifeline) मानी जाती है. रेलवे देशभर में हजारों ट्रेनों का संचालन रोज करता है. हर ट्रेन का एक अलग नाम और नंबर होता है. देशभर में कई प्रीमियम ट्रेन भी चलती हैं जैसे राजधानी, शताब्दी, दुरंतो. ऐसे में क्या आपके मन में यह सवाल कभी आया है कि इन ट्रेनों के नाम किस आधार पर तय किए जाते है. आज हम आपको इस बारे में जानकारी दे रहे हैं इन ट्रेनों के नाम रखने क्या तरीका है. ज्यादातर ट्रेनों के नाम उनके बोर्डिंग और डेस्टिनेशन स्टेशन के आधार पर रखें जाते हैं. मगर राजधानी, शताब्दी और दूरंतो के नाम पहली बार कैसे आए यह जानते हैं-
1. शताब्दी एक्सप्रेस (Shatabdi Express)-
शताब्दी ट्रेन की शुरुआत साल 1989 में की गई थी. इस ट्रेन का नाम भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के 100वें जन्म जयंती के मौके पर रखा गया था. शताब्दी का मतलब है कि 100 साल. ऐसे में पंडित नेहरु के जन्म साल को सेलिब्रेट करने के लिए तत्कालीन सरकार ने इस ट्रेन की शुरुआत की थी. इस ट्रेन को आमतौर पर 400 से 500 किलोमीटर की दूरी के लिए चलाया जाता है. इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड है 160 किलोमीटर प्रति घंटा.
2. राजधानी एक्सप्रेस (Rajdhani Express)-
राजधानी एक्सप्रेस के नाम से ही पता चल रहा है कि यह दिल्ली को देश को अन्य राज्यों के राजधानी से जोड़ती है. यह ट्रेन लंबी दूरी की होती है और इसमें लोगों को सोने और एसी की सुविधा मिलती है. राजधानी एक्सप्रेस की अधिकतम स्पीड 140 किलोमीटर प्रति घंटा है.
3. दूरंतो एक्सप्रेस (Duronto Express)-
दूरंतो एक बंगाली शब्द है जिसका मतलब है बिना रुकावट के. दूरंतो एक्सप्रेस ट्रेन की खासियत यह है कि यह बादल कम स्टेशनों पर रुकती है और जल्द से जल्द यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा देती है. इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड है 140 किलोमीटर प्रति घंटा.
आम ट्रेनों के नाम का कैसे होता है चयन?
गौरतलब है कि रेलवे ट्रेनों का नाम चुनने के लिए एक कॉमन प्रक्रिया को फॉलो करता है. ज्यादा ट्रेनों के नाम उसके बोर्डिंग और डेस्टिनेशन स्टेशनों के नाम पर आधारित होते है जैसे हावड़ा-मुंबई मेल, लखनऊ-बरौनी मेल, बेंगलुरु-चेन्नई मेल आदि. इससे यात्रियों को यह भी आसानी से पता चल जाता है कि ट्रेन किस स्टेशन से चलकर कहां जाएगी.
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