रेलवे अपने यात्रियों की सुरक्षा की सुनिश्चित करने के लिए 'जीवन रक्षा मिशन' और 'ऑपरेशन मातृशक्ति' जैसी कई योजनाएं चलाता है. इस सभी योजनाओं का मकसद यह है कि रेलवे इससे बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में सुनिश्चित कर सकें.


रेलवे पुलिस फोर्स यानी RPF ने फरवरी के महीने में 'जीवन रक्षा मिशन' के तहत कुल 62 लोगों की जान बचाई है. इसके अलावा कुल 1156 बच्चों को तस्करी में फंसने से भी बचाया है. इसमें 787 लड़कों और 369 लड़कियों  शामिल हैं. आपको बता दें कि रेलवे बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए की तरह के अभियान चलाता रहता है.


'ऑपरेशन मातृशक्ति' के द्वारा की जा रही महिलाओं की मदद
इसके अलावा महिलाओं की सुरक्षा के लिए 'ऑपरेशन मातृशक्ति' भी शुरू की गई है जिसके द्वारा 9 गर्भवती महिला यात्रियों की मदद रेलवे पुलिस फोर्स ने की है. इसके अलावा लोगों के खोए हुए सामान को लौटाने के लिए रेलवे ने 'ऑपरेशन अमानत' भी शुरू किया है. इस ऑपरेशन के तहत 2.93 करोड़ के सामान को रेलवे ने उसके मालिक तक पहुंचाया है.


कई बाह हमने देखा है कि ट्रेन में चढ़ने और उतरने के दौरान लोगों का सामान फिसल जाता है. ऐसे में रेलवे पुलिस की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह लोगों की मदद कर उनके जीवन की रक्षा करें. इसे 'जीवन रक्षा मिशन' का नाम दिया गया है. इस मिशन के द्वारा रेलवे ने कुल 35 पुरुषों और 27 महिलाओं की जान बचाई है. इसके साथ ही रेलवे ने 2.28 करोड़ रुपये का नशे का सामान भी बरामद किया है.


रेलवे ने बच्चों के लिए शुरू किया 'ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते'
रेलवे बच्चों की सुरक्षा के लिए बहुत सतर्क रहती है. इसके लिए रेलवे ने 'ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते' शुरू किया है. कई बार ट्रेन में बच्चे छूट जाते हैं या छोड़ दिए जाते हैं. कई बार बच्चों को तस्करी के लिए भी ट्रेनों से ले जाया जाता है. ऐसे में इन बच्चों की मदद के लिए रेलवे ने यह ऑपरेशन शुरू किया है. रेलवे ने कुल 1156 बच्चों को रेलवे स्टेशन और ट्रेनों से बचाया है. इसमें 787 लड़कों और 369 लड़कियों है. रेलवे ने इस काम को गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर किया है. 


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