Indian Railway Luggage Rules: रेलवे भारत की लाइफलाइन (Lifeline) माना जाती है. हर दिन लाखों की संख्या में यात्री ट्रेन से ट्रेवल करके अपने घरों को जाते हैं. ऐसे में यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने कुछ नियम (Indian Railway Rules) बना रखे हैं. इन्हीं में से एक नियम है ट्रेन में छूटे हुए सामान (Lost Luggage Rules of Railway) के लेकर. ट्रेन से ट्रेवल करते वक्त यात्री अपने साथ लगेज लेकर चलते हैं, लेकिन कई बार यात्री जल्दी में वह लगेज ट्रेन में ही छोड़ देते हैं. ऐसे में मन यह सवाल आता है कि रेलवे इन सामान का क्या करता है. अगर आपका सामन ट्रेन में छूट जाए तो क्या उसे वापस प्राप्त किया जा सकता है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब के बारे में-
हर ट्रेन की होती है तलाशी
जब ट्रेन अपने डेस्टिनेशन (Destination Address) स्टेशन तक पहुंच जाती है तो सबसे पहले ट्रेन को रेलवे कर्मचारियों द्वारा अच्छी तरह से चेक किया जाता है. अगर किसी यात्री का कोई लगेज जैसे बैग, पर्स (Purse), मोबाइल (Mobile) आदि छूटा होता है तो उसे स्टेशन मास्टर के पास जमा करवा दिया जाता है. यह सभी सामान का रिकॉर्ड बनता है और उसकी रसीद भी बनती है ताकी जरूरत पड़ने पर सामान का मिलान किया जा सके. इन सभी चीजों को रेलवे स्टेशन (Railway Station) के गोदाम में सील बंद संदूक में अच्छी तरह से रख दिया जाता है.
इस तरह आपको मिल सकता है खोया सामान
बता दें कि अगर आपका सामान ट्रेन में छूट गया है तो उसे आप रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर के पास जाकर प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले आपको अपनी यात्रा का टिकट और बाकी डिटेल्स को वेरिफाई करवाना होगा. इसके बाद स्टेशन मास्टर (Station Master) आपके सारे डिटेल्स को क्रॉस वेरीफाई करेगा. इसके बाद अगर उसे आपके बात विश्वास हो जाएगा तो आपके डिटेल्स को रजिस्टर में लिखकर उसके मालिक के सामान लौटा दिया जाएगा.
कई बार स्टेशन मास्टर नहीं लौटाते सामान
अगर स्टेशन मास्टर को यात्री की बातों पर कुछ संदेह हैं या उसके बताए गए डिटेल्स मिले हुए सामान से मैच नहीं करता है तो ऐसी स्थिति में स्टेशन मास्टर को यह पूरा अधिकार है कि वह उस सामान को लौटाने से मना कर दें.
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